Edited By Kuldeep, Updated: 01 Apr, 2025 08:35 PM

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को भारत के सबसे प्रभावशाली 100 व्यक्तियों की सूची में शामिल किया गया है, जो कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।
शिमला (ब्यूरो): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को भारत के सबसे प्रभावशाली 100 व्यक्तियों की सूची में शामिल किया गया है, जो कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। शिमला से जारी बयान मं कांग्रेस विधायक एवं उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक भुवनेश्वर गौड़ और अजय सोलंकी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा अनाथ बच्चों, महिलाओं, संवेदनशील वर्गों के कल्याण में हरित ऊर्जा क्षेत्र में नवीन पहल सहित नशा निवारण के क्षेत्र में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्य के कारण मुख्यमंत्री को इस नामी सूची में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के गठन के पश्चात मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम शिमला के टूटीकंडी स्थित बालाश्रम का दौरा किया और अनाथ बच्चों के माता-पिता की जिम्मेदारी संभालने का संकल्प लिया।
इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों, पात्र महिलाओं एवं बुजुर्गों के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना तथा सुख-आश्रय कोष की शुरूआत की। इस योजना के तहत प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया और आज इन बच्चों को जेब खर्च, आवास सुविधा, प्रारम्भिक से लेकर उच्च स्तर तक निःशुल्क शिक्षा और विदेश भ्रमण सहित विभिन्न लाभ प्रदान किए जा रहे हैं। इस योजना की सफलता का लोहा मानते हुए मुख्यमंत्री को सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 410 करोड़ रुपए व्यय कर लगभग 8.25 लाख व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पैंशन प्रदान की गई है। सुक्खू ने प्रदेश को वर्ष 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य, वर्ष 2027 आत्मनिर्भर तथा वर्ष 2032 तक सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य तय किया है।
प्रदेश सरकार ने नशा माफिया पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की है। नशा तस्करी में संलिप्त पाए जाने पर सम्पत्ति जब्त करने का प्रावधान किया है। बजट सत्र के दौरान चिट्टा तस्करी, नशीली दवाएं व नकली शराब बनाने या बेचने जैसे संगठित अपराध से किसी की मौत होने पर ड्रग तस्करों को फांसी या उम्रकैद की सजा का प्रावधान करने के लिए सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध (निवारण एवं नियंत्रण) विधेयक पारित किया गया।