Edited By Kuldeep, Updated: 25 Dec, 2024 06:13 PM
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 28 दिसम्बर को केंद्रीय मंत्रियों से मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने जीएसटी पर हिमाचल को मिलने वाले मुआवजे को कम किया है साथ ही हिमाचल के कर्ज लेने की सीमा को भी घटा दिया है।
शिमला (भूपिन्द्र): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 28 दिसम्बर को केंद्रीय मंत्रियों से मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने जीएसटी पर हिमाचल को मिलने वाले मुआवजे को कम किया है साथ ही हिमाचल के कर्ज लेने की सीमा को भी घटा दिया है। राज्य के सारे रिसोर्स कम किए गए हैं। ओपीएस देने के कारण राज्य की कर्जा लेने की सीमा भी कम की है। इन सब मुद्दों को वह केंद्र से उठाएंगे। यह बात उन्होंने बुधवार को शिमला में कर्नाटक में 2 दिवसीय कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में भाग लेने के लिए रवाना होने से पहले मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कही। मुख्यमंत्री वीरवार को दिल्ली से कर्नाटक जाएंगे, जहां वह सीडब्ल्यूसी की बैठक में भाग लेंगे।
वहां से लौटने के बाद सीएम का 28 दिसम्बर को केंद्रीय मंत्रियों से मिलने का कार्यक्रम है। उनसे वह हिमाचल प्रदेश से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे। इस दौरान जीएसटी मुआवजे में कमी, राजस्व घाटा अनुदान और राज्य की ऋण सीमा के मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कर्नाटक में आयोजित की जा रही कांग्रेस कार्य समिति की बैठक और एक रैली में भाग लेने के बाद दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और इन मुद्दों को केंद्रीय मंत्रियों के समक्ष रखेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलेंगे और पोस्ट डिजास्टर नीड असैसमैंट के तहत केंद्र के पास लंबित राशि हिमाचल को देने का आग्रह करेंगे। हम संघीय ढांचे में रह रहे हैं। इसलिए केंद्र से मदद लेना हमारा हक है। अगले माह जनवरी में प्रदेश सरकार की काफी व्यस्तता रहेगी, क्योंकि बजट तैयार करना है। बजट से संबंधित विषयों को भी वह केंद्र से उठाएंगे।
प्रदेश में विकास को मिली गति
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश में विकास को तीव्र गति मिली है और राजस्व सृजन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया जा रहा है और जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सोचेंगे कि प्रदेश को जो दिशा दी है, उस पर कैसे आगे बढ़ा जाए। इसमें कांग्रेस विधायक व मंत्री भी सहयोग कर रहे हैं।
जीएसटी कंपनसेशन के 3000 करोड़ बंद
उन्होंने कहा कि जीएसटी कंपनसेशन राशि में भी हिमाचल को 2017 से 2022 तक हर साल 2500 से 3000 करोड़ रुपए मिल रहे थे। जुलाई 2022 से यह राशि मिलना भी बंद हो गई है। एनपीएस के बदले मिलने वाला लगभग 1760 करोड़ का लोन भी बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री इन सब मुद्दों को दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों के समक्ष उठाएंगे और बंद की गई इन सभी रियायतों को प्रदेश को जारी करने की मांग करेंगे।
बजट में हो रही कटौती
उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के बजट में भी केंद्र ने कटौती की है। हाल ही में केंद्र ने स्पैशल असिस्टैंट टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वैस्टमैंट स्कीम के तहत 23 राज्यों को 3296 करोड़ जारी किए हैं लेकिन टूरिज्म स्टेट हिमाचल को एक भी रुपया स्कीम में नहीं दिया गया। केंद्रीय मदद में कमी की वजह से राज्य पर आर्थिक संकट गंभीर होता जा रहा है।