SFI ने खत्म की सांकेतिक हड़ताल, धरना-प्रदर्शन कर सरकार व प्रशासन को दी ये चेतावनी

Edited By Vijay, Updated: 30 Oct, 2021 11:15 PM

sfi ends symbolic strike

काॅलेज प्रशासन के आश्वासन के बाद एसएफआई इकाई की चम्बा की 24 घंटे की सांकेतिक हड़ताल शनिवार को समाप्त हो गई है। इस दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा कॉलेज गेट पर धरना-प्रदर्शन किया गया। सरकार व काॅलेज प्रशासन के खिलाफ रोष व्यक्त किया गया।

चम्बा (नीलम): काॅलेज प्रशासन के आश्वासन के बाद एसएफआई इकाई की चम्बा की 24 घंटे की सांकेतिक हड़ताल शनिवार को समाप्त हो गई है। इस दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा कॉलेज गेट पर धरना-प्रदर्शन किया गया। सरकार व काॅलेज प्रशासन के खिलाफ रोष व्यक्त किया गया। यह धरना-प्रदर्शन एसएफआई राज्य कार्यकारिणी के आह्वान पर किया गया। धरने का संचालन करते हुए एसएफआई इकाई अध्यक्ष नेहा ने कहा कोरोना महामारी के चलते पहले ही छात्रों की पढ़ाई काफी प्रभावित हो चुकी है। लंबे समय बाद शिक्षण संस्थान खुले हैं लेकिन अब यहां शिक्षक ही नहीं होंगे तो छात्र किस प्रकार से अपनी पढ़ाई पूरी कर पाएंगे। उन्होंने मांग की है कि जल्द कालेज में प्राध्यापकों के रिक्त पदों को भरा जाए। इसके साथ पीटीए फंड के नाम पर जो छात्रों से लूट की जा रही है उस पर भी रोक लगाई जाए।

नेहा ने बताया कि कुलपति ने विश्वविद्यालय को धांधलियों का अड्डा बनाकर रख दिया है। हाल ही में विश्वविद्यालय के वीसी और ईसी की मिलीभगत से विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और शिक्षकों एवं उनके विद्यार्थियों को बिना प्रवेश परीक्षा के पीएचडी में सीधे दाखिला दे दिया गया। यह साफ तौर पर समानता के अधिकार का हनन है, जिसका एसएफआई साफ तौर पर विरोध करती है और यह मांग करती है कि इन दाखिले को तुरंत रद्द किया जाए और प्रवेश परीक्षा द्वारा ही दाखिले किए जाएं ताकि सबको समान अवसर प्राप्त हो सकें।

जिला कमेटी सदस्य कामरेड प्रवीन ने कहा कि अध्यापकों के रिक्त पदों को भरवाने के लिए एसएफआई काफी लंबे समय से संघर्ष कर रही है, लेकिन प्रशासन और सरकार इस पर थोड़ा भी ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अंदर पीएचडी के लिए हुए दाखिलों में विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों की अवहेलना की गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन मात्र अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह की धांधलियां पीएचडी के अंदर कर रहा है।

इस धरने-प्रदर्शन को समाप्त करते हुए राज्य कमेटी सदस्य कॉमरेड रहम ने कहा कि कोई काॅलेज नहीं बचा है जहां पर अध्यापकों के सभी पद भरे हुए हों जो सरकार की शिक्षा विरोधी नीति को साफ दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन और सरकार हमारी मांगों को नहीं मानते हैं तो आने वाले समय के अंदर एसएसआई इस आंदोलन को और उग्र करेगी। इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।

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