Edited By Vijay, Updated: 23 Jul, 2025 07:58 PM

मंडी जिले के उपमंडल करसोग के नगर पंचायत क्षेत्र में इन दिनों पेयजल बिलों को लेकर उपभोक्ताओं में भारी आक्राेश है। हाल ही में जल शक्ति विभाग की ओर से सभी उपभोक्ताओं को 444 रुपए की समान दर पर पानी के बिल जारी किए गए हैं।
करसोग (धर्मवीर गौतम): मंडी जिले के उपमंडल करसोग के नगर पंचायत क्षेत्र में इन दिनों पेयजल बिलों को लेकर उपभोक्ताओं में भारी आक्राेश है। हाल ही में जल शक्ति विभाग की ओर से सभी उपभोक्ताओं को 444 रुपए की समान दर पर पानी के बिल जारी किए गए हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि यह बिल न तो खपत के अनुसार हैं और न ही इनकी कोई वैध अधिसूचना जारी की गई है। इससे आम जनता में जबरदस्त रोष है।
बढ़े हुए पानी के बिलों की शिकायत लेकर बुधवार को बड़ी संख्या में लोग नगर पंचायत कार्यालय पहुंचे। वहां अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह बिल नगर पंचायत द्वारा नहीं, बल्कि जल शक्ति विभाग द्वारा जारी किए गए हैं। इसके बाद नगर पंचायत अध्यक्ष सविता गुप्ता और उपाध्यक्ष बंसी लाल कौंडल खुद जनता के साथ जल शक्ति विभाग के करसोग मंडल कार्यालय पहुंचे और अधिशासी अभियंता से इस मसले पर जवाब मांगा। हालांकि अधिशासी अभियंता की ओर से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला, जिससे आक्रोशित जनता ने प्रदर्शन करते हुए एसडीएम कार्यालय का रुख किया। यहां नगर पंचायत अध्यक्ष सविता गुप्ता के नेतृत्व में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया और मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई।
लाेगाें का कहना है कि विभाग ने सभी उपभोक्ताओं को एक समान 444 रुपए के बिल जारी किए हैं जाेकि सही नहीं है। लाेगाें ने कहा कि नगर पंचायत क्षेत्र में 951 जल मीटर लगाए जाने थे, जिनमें से 900 मीटर पहले ही लग चुके हैं और वे चालू भी हैं। इन मीटरों से पानी की खपत की नियमित रीडिंग हो रही है, फिर भी उपभोक्ताओं को मीटर की रीडिंग के आधार पर नहीं, बल्कि फिक्स दर से बिल भेज दिए गए हैं।
गौरतलब है कि सितम्बर 2024 से पहले तक उपभोक्ताओं को 137 रुपए फिक्स रेट पर बिल दिया जा रहा था, लेकिन सितम्बर में सरकार ने नई दरें लागू करते हुए स्पष्ट किया था कि शहरी निकायों में मीटर आधारित बिलिंग की जाएगी। इसके बावजूद करसोग में बिना किसी अधिसूचना के खराब मीटर का हवाला देते हुए सभी उपभोक्ताओं को फ्लैट रेट से बिल थमा दिए गए, जिससे लोगों में भ्रम और असंतोष फैल गया है।
स्थानीय लोगों की मांग है कि या तो सभी उपभोक्ताओं के मीटर के अनुसार बिल जारी किए जाएं या फिर फिक्स बिल प्रणाली को ही रद्द किया जाए। जनता ने साफ कहा है कि जब मीटर चालू हालत में हैं, तो फिर समान दर पर बिल जारी करना सरासर अन्याय है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन और जल शक्ति विभाग इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और जनता को कब तक राहत मिलती है।