Edited By Jyoti M, Updated: 09 Dec, 2025 10:29 AM

हिमाचल में सोमवार सुबह हुई ताज़ा बर्फ़बारी ने राज्य के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में शीत लहर को और भी तेज कर दिया है। रोहतांग, बारालाचा और शिंकुला जैसे प्रसिद्ध दर्रों ने सफ़ेद चादर ओढ़ ली है, जिससे मैदानी इलाकों तक भी ठंड का असर महसूस किया जा रहा है।
हिमाचल डेस्क। हिमाचल में सोमवार सुबह हुई ताज़ा बर्फ़बारी ने राज्य के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में शीत लहर को और भी तेज कर दिया है। रोहतांग, बारालाचा और शिंकुला जैसे प्रसिद्ध दर्रों ने सफ़ेद चादर ओढ़ ली है, जिससे मैदानी इलाकों तक भी ठंड का असर महसूस किया जा रहा है।
लाहुल-स्पीति में जमा देने वाली ठंड
लाहुल-स्पीति जिले में पारा शून्य से काफी नीचे लुढ़क गया है। कुकुमसेरी में न्यूनतम तापमान -6.2 डिग्री सेल्सियस और ताबो में -1.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिससे स्थानीय जनजीवन प्रभावित हुआ है। इस बीच, किन्नौर की ऊँची चोटियों पर भी हल्की बर्फ़बारी हुई है, जिसके परिणामस्वरूप प्राकृतिक झरने और नाले जमने लगे हैं। यह स्थिति उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में पानी के प्राकृतिक स्रोतों के जमने का संकेत है, जहाँ तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे बना हुआ है।
मौसम का बदलता मिज़ाज
सोमवार को मंडी में घना कोहरा छाया रहा, जबकि ताबो, रिकांगपिओ और कुफरी जैसे ऊँचाई वाले स्थानों पर 43 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज़ हवाएं चलती रहीं। हालांकि, शिमला में धूप खिलने से लोगों को दिन में कुछ राहत मिली।
दूसरी ओर, बिलासपुर राज्य का सबसे गर्म स्थान रहा, जहाँ अधिकतम तापमान 25.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके बावजूद, निचले इलाकों के अधिकतम तापमान में लगभग तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है, जो बर्फ़बारी के अप्रत्यक्ष प्रभाव को दर्शाती है।
घोषित मार्ग बंद और कोहरे का अलर्ट
बर्फ़बारी और सड़कों पर बढ़ी फिसलन को देखते हुए प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 428 किलोमीटर लंबे मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात के लिए आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया है। लद्दाख को हिमाचल से जोड़ने वाली यह 'लाइफलाइन' अब अगले वर्ष गर्मियों में दर्रों से बर्फ पिघलने के बाद ही खुल पाएगी। यह मार्ग सेना की आवाजाही, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और पर्यटन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मौसम विभाग ने 9 और 10 दिसंबर को बिलासपुर और मंडी जिलों में घने कोहरे की संभावना व्यक्त करते हुए अलर्ट जारी किया है। हालांकि, राज्य में 14 दिसंबर तक मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है।
कृषि पर सूखे का प्रभाव
प्रदेश में करीब एक महीने से अधिक समय से चले आ रहे सूखे ने कृषि क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। बर्फ़बारी और ठंड से राहत की उम्मीद थी, लेकिन अब बर्फ़ जमने से जलस्रोतों पर भी संकट मंडरा रहा है।