आजादी के बाद पहली बार गांव के लिए सड़क बन जाने पर गांववासियों ने जताई खुशी

Edited By prashant sharma, Updated: 02 Aug, 2021 01:51 PM

road was built for the village for the first time after independence

नूरपुर ब्लाॅक की मिलख पंचायत के लोग पिछले काफी समय से अपने गांव में रास्ता ना होने पर परेशानियां झेल रहे थे। गांव में जाने के लिए पहाड़ों की पगडंडियों से या लोगों के खेतों में से होकर जाना पड़ता था। गांवों में अगर कोई बीमार हो जाए तो उसे पालकी या...

नूरपुर (संजीव महाजन) : नूरपुर ब्लाॅक की मिलख पंचायत के लोग पिछले काफी समय से अपने गांव में रास्ता ना होने पर परेशानियां झेल रहे थे। गांव में जाने के लिए पहाड़ों की पगडंडियों से या लोगों के खेतों में से होकर जाना पड़ता था। गांवों में अगर कोई बीमार हो जाए तो उसे पालकी या चारपाई पर लेटा कर ले जाना पड़ता था, इसको लेकर वह सरकार प्रशासन से रास्ते की मांग करते आ रहे थे पर किसी ने भी उनकी सुनी नहीं। मगर नूरपुर विधायक व वन मंत्री राकेश पठानिया ने इन लोगों के दुःख दर्द को समझा वर्ष 2018 को इस रास्ते का शिलान्यास किया। कुछ परेशानियों के चलते काम में देरी जरूर हुई पर वन मंत्री राकेश पठानिया के प्रयासों द्वारा जुलाई 2021 वन तैयार हो गया है। अब मिलख पंचायत के कयोड ब्राह्मण मौहल्ला के 25-30 परिवारों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। 

गांव वासी नरेंद्र शर्मा ने कहा कि मैं विधायक राकेश पठानिया का बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं यह जो सड़क जिसका शिलान्यास अक्तूबर 2018 को शिलान्यास करा था। भले इसको बनने दो तीन साल लग गए है पर इसमें वन मंत्री राकेश पठानिया का बहुत बड़ा सहयोग है। मैं मंत्री साहब, पंचायत प्रतिनिधियों, विकास खंड अधिकारी,और सरकार का धन्यवाद करता हूं, जिनके सहयोग से यह काम हुआ है, अब गांव 25-30 परिवार इस सड़क का लाभ उठा पाएंगे। शुरुआत में इस सड़क के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कांगडा चम्बा सांसद रहते हुए चार लाख रुपया दिया था जिससे कच्चा रास्ता तैयार किया गया था। 

कयोड ब्राह्मण गांव वासी ने कहा कि यह सड़क बनी है इसमें वन मंत्री राकेश पठानिया का बहुत सहयोग है। मेरी 52 वर्ष आयु हो गई है हमें आने जाने के लिए सड़क न होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता था। हमारे यहां अगर कोई बीमार हो जाता था तो एम्बुलेंस आने सुविधा नही थी हमें पालकी या कांधे पर उठा मरीज को मेन रोड तक ले जाना पड़ता था। हम पहले भी काफी वर्षों से इस समस्या को लेकर प्रयास कर रहे थे पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और फिर हम सब गांव वासी वन मंत्री राकेश पठानिया के पास गए और इस समास्या के वारे में बात की। उन्होंने समस्या को गंभीरता से समझा और आज उनके प्रयासों द्वारा यह सड़क बन गई है। हम मंत्री राकेश पठानिया, नूरपुर विकास खंड, वन विभाग तथा जिन्होंने इस सड़क के लिए अपनी जमीन दी है उनका धन्यवाद करता हूं।
 

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