Edited By kirti, Updated: 22 Jun, 2019 03:23 PM
पिछले कुछ अरसे से हिमाचल प्रदेश में बसों के बड़े बड़े हादसे पेश आ चुके है जिसमें सैंकड़ों लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे है। लेकिन इसके बाबजूद भी सरकार और प्रशासन बिना नियमों के सड़क पर मौत की सवारी बनकर दौड़ रही है और बसों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो...
ऊना (अमित) :पिछले कुछ अरसे से हिमाचल प्रदेश में बसों के बड़े बड़े हादसे पेश आ चुके है जिसमें सैंकड़ों लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे है। लेकिन इसके बाबजूद भी सरकार और प्रशासन बिना नियमों के सड़क पर मौत की सवारी बनकर दौड़ रही है और बसों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे है। ऊना जिला में 28 निजी बसें सरकारी नियमों को ठेंगा दिखाते हुए बिना फिटनेस, बिना इंश्योरेंस और बिना टैक्स अदायगी के सवारियों को ढो रही है, वहीँ इन बसों पर सरकार का लाखों रुपए टैक्स भी बकाया है। परिवहन विभाग इन बसों के ऑपरेटरों से ना ही बकाया टैक्स की भरपाई कर पाया है और ना ही इनसे नियमों की पालना करवाई जा रही है।
इस पूरे मामले का खुलासा करीब एक साल पहले ली गई RTI में हुआ था। RTI के तहत दी गई सूचना में विभाग ने माना है कि जिला में 28 बसें ऐसी है जिन्होंने ना ही बसों की फिटनेस करवाई है ना ही इन वाहनों की इंश्योरेंस है और ना ही पिछले लंबे समय से इनके द्वारा स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स की अदायगी की गई है। जिसके बाद निजी बस ऑपरेटरों ने कई दफा सरकार, विभाग और प्रशासन से ऐसी बसों पर लगाम लगाने की मांग उठाई। लेकिन आज दिन तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। निजी बस ऑपरेटरों की माने तो विभाग की इस लापरवाही से अगर आने वाले समय में कोई बड़ा हादसा होता है तो इसकी जिम्मेवारी किसकी होगी।
निजी बस ऑपरेटर पवन ठाकुर ने चेतावनी दी है कि अगर इन बसों से कोई हादसा होता है तो प्रशासन और परिवहन विभाग के अधिकारीयों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाएं जाएंगे। वहींआरटीए सदस्य महेंद्र मनकोटिया ने कहा कि उनके ध्यान में यह मामला आया है और सरकार से होने वाली आगामी बैठक में इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाया जाएगा। वहीँ RTO ऊना के पास इस बार भी वो ही रटा रटाया जबाब मिला की ऐसे बस ऑपरेटरों को नोटिस जारी किए गए है। लेकिन बना फिटनेस सड़क पर बसें दौड़ने के सवाल पर जनाब RTO साहिब अक्सर चालान का दावा करके अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ते दिखे।