Shimla: डॉक्टर की बर्खास्तगी के बाद IGMC में गेट मीटिंग, रैजीडैंट डॉक्टरों ने लिया ये बड़ा फैसला

Edited By Vijay, Updated: 25 Dec, 2025 06:57 PM

resident doctors hold gate meeting at igmc after doctor s dismissal

राज्य के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी शिमला में मरीज के साथ मारपीट के आरोप में सीनियर रैजीडैंट डॉ. राघव नरूला की सेवाएं समाप्त किए जाने के बाद रैजीडैंट डॉक्टरों में रोष है।

शिमला (राजेश): राज्य के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी शिमला में मरीज के साथ मारपीट के आरोप में सीनियर रैजीडैंट डॉ. राघव नरूला की सेवाएं समाप्त किए जाने के बाद रैजीडैंट डॉक्टरों में रोष है। सरकार द्वारा बुधवार शाम को डॉक्टर को नौकरी से निकाले जाने के विरोध में गुरुवार सुबह 10:30 बजे रैजीडैंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने गेट मीटिंग की। मीटिंग में सरकार की कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए नाराजगी जाहिर की गई। हालांकि, मुख्यमंत्री की पूर्व चेतावनी को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों ने फिलहाल हड़ताल पर न जाने का निर्णय लिया है और गुरुवार को अपनी सेवाएं जारी रखीं।

सीएम से मुलाकात और सैमडिकोट से करेंगे चर्चा
आरडीए ने निर्णय लिया है कि वे शांतिपूर्ण ढंग से अपना विरोध दर्ज कराएंगे। शुक्रवार को रैजीडैंट डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात कर अपना पक्ष उनके समक्ष रखेगा। इससे पहले रैजीडैंट डॉक्टर सीनियर डॉक्टरों की संस्था सैमडिकोट के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और आगामी रणनीति तय करेंगे। आरडीए अध्यक्ष डॉ. सोहेल शर्मा ने स्पष्ट किया कि जब तक वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ वार्ता नहीं हो जाती, तब तक ओपीडी, जनरल वार्ड और आपातकालीन सेवाओं में काम सुचारू रूप से जारी रहेगा।

सीनियर डॉक्टरों का पूर्ण समर्थन
सैमडिकोट के अध्यक्ष डॉ. बलबीर वर्मा ने रैजीडैंट डॉक्टरों को अपना पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि आरडीए के साथ-साथ सैमडिकोट का प्रतिनिधिमंडल भी अलग से मुख्यमंत्री से मिलेगा और डॉक्टर के निष्कासन के मुद्दे पर अपनी बात सरकार तक पहुंचाएगा।

सीएम का सख्त संदेश, मरीज दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं
डॉक्टर पर हुई कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया के समक्ष स्पष्ट किया कि मरीज स्वस्थ होने की उम्मीद लेकर अस्पताल आते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में डॉक्टर से ऐसे व्यवहार की अपेक्षा नहीं की जाती। यह अशोभनीय है और इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि, सीएम ने यह भी जोड़ा कि सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा और काम के बोझ को कम करने के लिए भी कदम उठा रही है, लेकिन मारपीट की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है।

विपक्ष ने उठाए सवाल, कार्रवाई काे बताया एकतरफा
उधर, नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मामले में सरकार की कार्रवाई को एकतरफा बताया है। उन्होंने चिंता जताई कि अस्पतालों में शीतकालीन अवकाश के कारण पहले ही 50 प्रतिशत डॉक्टर कम हैं, ऐसे में अगर रैजीडैंट डॉक्टर 'मास कैजुअल लीव' पर जाते हैं तो स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाएगी। उन्होंने सरकार को संवेदनशीलता से काम लेने और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की सलाह दी।

व्यवस्था के पतन का परिणाम : राजीव बिंदल
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह घटना किसी एक डॉक्टर या मरीज का मामला नहीं, बल्कि पूरी व्यवस्था के पतन का परिणाम है। उन्होंने सरकार की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार "उंगली में बीमारी होने पर पूरी उंगली काटने" जैसा समाधान दे रही है, जो अपनी विफलताओं को छिपाने का प्रयास मात्र है।

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