Edited By Rahul Singh, Updated: 01 Aug, 2024 07:52 PM
प्रदेश में बुधवार शाम से लेकर देर रात तक हुई भारी बारिश ने कई क्षेत्रों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। एक तरफ कुछ जिलों में लोगों को गर्मी से राहत मिली तो कुछ जिलों के लोगों के लिए बारिश काल बनकर ऊभरी।
हिमाचल डैस्क : प्रदेश में बुधवार शाम से लेकर देर रात तक हुई भारी बारिश ने कई क्षेत्रों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। एक तरफ कुछ जिलों में लोगों को गर्मी से राहत मिली तो कुछ जिलों के लोगों के लिए बारिश काल बनकर ऊभरी। कुल्लू में निरमंड, सैंज और मलाना इलाकों, मंडी में पधर और शिमला जिले के रामपुर में बादल फटे। बादल फटने की कई घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गयी और करीब 50 लोग लापता हैं।
वहीं इस बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के दूसरे भाग, यानी अगस्त और सितंबर में पूरे देश में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर समेत हिमाचल प्रदेश में भी अधिक बारिश की संभावना जताई गई है। हिमाचल में भारी बारिश होने से बड़े स्तर पर नुकसान झेलना पड़ता है। अगर मौसम विभाग के अनुसार, बारिश का कहर जारी रहा तो प्रदेश को और नुकसान झेलना पड़ सकता है। यह नुकसान ऊपरी हिस्सों में अधिक उठाना पड़ता है जो ज्यादा पहाड़ी क्षेत्र हैं।
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अगले चार-पांच दिन बारिश जारी रहने का अनुमान
मौसम विज्ञान विशेषज्ञ संदीप शर्मा ने बताया कि हिमाचल में 20 स्टेशन पर भारी बारिश दर्ज की गयी है। उन्होंने बताया कि राज्य में अगले चार-पांच दिन बारिश जारी रहने का अनुमान है। प्रदेश में कई हिस्सों में बुधवार शाम से ही भारी बारिश हो रही है। राज्य में पालमपुर में सबसे अधिक 212 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी। इसके बाद चौरी में 203 मिमी, धर्मशाला में 183.2 मिमी, जोगिंदरनगर में 161 मिमी, कांगड़ा में 150 मिमी, सुजानपुर टीरा में 142 मिमी, बैजनाथ में 135 मिमी, पोंटा साहिब में 121.2 मिमी, नाहन में 98.9 मिमी, कुफरी में 84.5 मिमी, शिमला में 64.6 मिमी, सैंज में 61 मिमी, बिलासपुर में 56 मिमी और बरठी में 50 मिमी बारिश दर्ज की गई।
433 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा
हिमाचल प्रदेश के आपात अभियान केंद्र के अनुसार, मंगलवार तक दर्ज आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 27 जून को मानसून के पहुंचने के बाद से बारिश से जुड़ी घटनाओं में 65 लोग मारे जा चुके है। प्रदेश को 433 करोड़ रुपये का नुकसान भी पहुंचा है।
कम बारिश की संभावना वाले क्षेत्र
पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत: इन क्षेत्रों के आस-पास के कुछ हिस्सों में, लद्दाख, सौराष्ट्र और कच्छ के कई हिस्सों में, और मध्य तथा प्रायद्वीपीय भारत के अलग-अलग हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।
आईएमडी ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे मौसम के पूर्वानुमान पर नजर रखें और बारिश से संबंधित किसी भी घटना के प्रति सतर्क रहें। मौसम विभाग द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, सामान्य से अधिक बारिश की संभावना को ध्यान में रखते हुए सभी को मौसम संबंधी तैयारियों में जुट जाना चाहिए।
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