रोमांच के खेल में ब्यास नदी का कम बहाव बना रोड़ा, राफ्टरों की बढ़ी परेशानी

Edited By Vijay, Updated: 17 Dec, 2019 08:55 PM

rafting in beas river

मौसम खुलते ही जहां रिवर राफ्टिंग का व्यवसाय भी शुरू हो गया है, वहीं बाहरी राज्यों के पर्यटक भी इसमें खासी दिलचस्पी ले रहे हैं लेकिन पानी का बहाव कम होने के कारण राफ्टें काफी अधिक समय लगा रही हैं। स्ट्रेच पर पहुंचने के लिए इन्हें निर्धारित समय से...

कुल्लू (दिलीप): मौसम खुलते ही जहां रिवर राफ्टिंग का व्यवसाय भी शुरू हो गया है, वहीं बाहरी राज्यों के पर्यटक भी इसमें खासी दिलचस्पी ले रहे हैं लेकिन पानी का बहाव कम होने के कारण राफ्टें काफी अधिक समय लगा रही हैं। स्ट्रेच पर पहुंचने के लिए इन्हें निर्धारित समय से काफी अधिक समय लग रहा है। साथ ही नदी में पानी कम होने के कारण राफ्टों को भी अधिक नुक्सान पहुंच रहा है। इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि उनकी राफ्टें नदी के पत्थरों में लग रही हैं, जिससे नुक्सान होने का खतरा भी बना हुआ है।
PunjabKesari, River Rafting Image

कई राफ्टें नदी में फंसी, दूसरी राफ्टों की लेनी पड़ी मदद

मंगलवार को भी कई राफ्टें नदी में फंस गईं। इन्हें निकालने के लिए दूसरी राफ्टों की मदद लेनी पड़ी। इससे कई लोग इन दिनों पर्यटकों को ढोने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। जानकारी के अनुसार एक राफ्ट कम से कम डेढ़ से 3 लाख रुपए में आती है। अगर इसमें कोई नुक्सान पहुंचता है तो यह राफ्टरों की अपनी परेशानी होती है। वहीं यदि इस कारण से काई हादसा होता है तो यह परेशानी भी खुद मालिक को उठानी पड़ती है।
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पिरड़ी से लेकर झीड़ी तक का स्ट्रेच सबसे बड़ा

राफ्टर मालिकों का कहना है कि यदि मौसम ठीक रहता है तो फिर पहाड़ों पर ग्लेशियर पिघलने से पानी के स्तर में इजाफा हो सकता है। इससे उनका व्यवसाय भी एकाएक चमक उठता है। फिर जुलाई से सितम्बर तक के माह में पानी का बहाव अधिक होने के कारण इस पर प्रतिबंध भी लगता है। कुल्लू में पिरड़ी से लेकर झीड़ी तक का स्ट्रेच सबसे बड़ा है। 14 किलोमीटर तक की दूरी मापने की एवज में प्रति पर्यटक 1200 रुपए निर्धारित किए गए हैं। इस व्यवसाय में सैंकड़ों लोग जुड़े हुए हैं। रिवर राफ्टिंग के व्यवसाय में 82 कंपनियां पंजीकृत हैं। राजस्थान के पर्यटक साक्षी, महिमा व तनुजा का कहना है कि पानी में सैर करना उनका एक सपना था और वह यहां आकर पूरा हुआ है।

अधिक वसूली पर हो सकती है कार्रवाई

जिला कुल्लू के बबेली, बाशिंग, पिरड़ी, रायसन और झीड़ी में रिवर राफ्टिंग प्वाइंटों पर करीब 300 राफ्टों का संचालन होता है। विभाग के आंकड़ों की बात करें तो रिवर राफ्टिंग के स्ट्रेच भी चिन्हित किए गए हैं। इनमें रायसन-बंदरोल, बबेली-वैष्णो माता और पिरड़ी से झीड़ी आदि शुमार हैं। लंबाई के हिसाब से पर्यटकों से पैसा लिया जाता है। 3-4 किलोमीटर के 600 रुपए प्रति व्यक्ति रेट निर्धारित किया गया है। यदि इनमें से अधिक रुपए की वसूली हुई तो कार्रवाई की जा सकती है।

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