Edited By Kuldeep, Updated: 28 Oct, 2024 11:26 AM
पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेल मार्ग पर रेलगाड़ियों की बहाली में हो रही देरी को लेकर नंदपुर में रविवार को रेलवे बोर्ड के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया।
नगरोटा सूरियां (नंदपुरी): पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेल मार्ग पर रेलगाड़ियों की बहाली में हो रही देरी को लेकर नंदपुर में रविवार को रेलवे बोर्ड के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया। नंदपुर विकास संघर्ष समिति के बैनर तले ग्रामीणों ने रोष रैली निकालकर रेलवे विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली के खिलाफ नारेबाजी की। सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि यदि रेलवे बोर्ड ने एक सप्ताह के भीतर रेलगाड़ियां बहाल नहीं कीं तो जनता सड़कों पर धरना-प्रदर्शन के साथ चक्का जाम करेगी।
नंदपुर भटोली के रैना तालाब के पास लोगों ने तख्तियां लेकर डीआरएम फिरोजपुर होश में आओ, कांगड़ा घाटी की ट्रेनें बहाल करो, रानीताल से मलबा जल्द हटाओ, नूरपुर से गुलेर ट्रेनें बहाल करो आदि नारेबाजी करते हुए रेलवे स्टेशन तक रोष रैली निकाली। संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुख लाल गोदारा ने कहा कि नूरपुर से गुलेर तक सफल ट्रायल होने के बावजूद रेलवे विभाग ने आज तक रेलगाड़ियों को बहाल नहीं किया है, जबकि जोगिंद्रनगर से कांगड़ा तक 2 रेलगाड़ियां बहाल कर दी हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि रेलवे प्रबंधक फिरोजपुर कांगड़ा घाटी की रेलगाड़ियों को सुचारू रूप चलाने में दोहरा मापदंड अपना रहे हैं। रेलगाड़ियों की समस्या को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर तक धरना देने वाले पीसी विश्वकर्मा ने कहा कि विभाग करोड़ों रुपए ट्रेक के रखरखाव के लिए खर्च करता है, लेकिन बरसात शुरू होते ही रेल ट्रेक को मंडल रेलवे फिरोजपुर बंद कर देता है।
समिति के उपाध्यक्ष सुदेश धीमान ने कहा कि रानीताल में बरसात में करीब 100 मीटर रेल ट्रैक पर गिरे मलबे को इस आधुनिक तकनीकी युग में 15 दिन में हटा सकता था, लेकिन आज तक उस मलबे को हटाया नहीं गया है। अगर नूरपुर से गुलेर तक रेलगाड़ियों को एक हफ्ते के अंदर बहाल नहीं किया गया तो जनता उग्र आंदोलन करने को मजबूर होगी, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here
हिमाचल प्रदेश की खबरें पढ़ने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें Click Here