Edited By Vijay, Updated: 24 Aug, 2022 09:25 PM
हिमाचल में आने वाले 5 साल में ऊर्जा के क्षेत्र में सुधार होंगे। इसके लिए प्रदेश को बिजली क्षेत्र में विश्व बैंक की ओर से 2000 करोड़ का प्रोजैक्ट मंजूर हुआ है। प्रोजैक्ट के तहत 1600 करोड़ की राशि केंद्र सरकार के माध्यम से विश्व बैंक मंजूर करेगा जबकि...
शिमला (राजेश): हिमाचल में आने वाले 5 साल में ऊर्जा के क्षेत्र में सुधार होंगे। इसके लिए प्रदेश को बिजली क्षेत्र में विश्व बैंक की ओर से 2000 करोड़ का प्रोजैक्ट मंजूर हुआ है। प्रोजैक्ट के तहत 1600 करोड़ की राशि केंद्र सरकार के माध्यम से विश्व बैंक मंजूर करेगा जबकि हिमाचल को 400 करोड़ की हिस्सेदारी अपनी डालनी पड़ेगी। प्रोजैक्ट की अवधि 2023 से लेकर 2028 तक रहेगी। विश्व बैंक की हिमाचल दौरे पर आई टीम के साथ बुधवार को मुख्य सचिव आरडी धीमान सहित विभाग के अन्य अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में बिजली के क्षेत्र में किए जाने वाले सुधारों पर चर्चा की गई। प्रदेश में बिजली बेचकर बेहतर दाम मिल सके। इसके लिए सिंगल ट्रैकिंग डैस्क बिजली बेचने के लिए बनाया जाएगा।
मौजूदा समय में राज्य सरकार को बिजली बेचने से 1000 करोड़ रुपए की आय होती है। पिछले कई सालों से इसमें बढ़ौतरी नहीं हो पा रही है। इस प्रोजैक्ट के आने के बाद राज्य सरकार हरित ऊर्जा की तरफ आगे बढ़ेगा। बिजली की लागत कम होगी और बिजली से मिलने वाले राजस्व में बढ़ौतरी होने की उम्मीद है। प्रोजैक्ट के तहत ही 200 मैगावाट सोलर पावर बनाने का काम हिमाचल प्रदेश पावर कार्पोरेशन और हिमऊर्जा को सौंपा जाएगा। प्रदेश के अंदर इसी बिजली का वितरण करके अधिक से अधिक उपयोग होता कि पर्यावरण को नुक्सान कम हो, इस पर ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए राज्य के ट्रांसमिशन निगम को 13 शहरों में अपना जाल बिछाने का काम किया जाएगा। राज्य में बिजली की व्यवस्था और वितरण का काम देखने वाले स्टेट लोड डिस्पैच सैंटर के भी बेहतर प्रबंधन पर काम इस दिशा में करना प्रस्तावित है।
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