रिकॉर्डतोड़ 71 दिन बाद दुल्हन को लेकर घर पहुंची बारात

Edited By Vijay, Updated: 29 May, 2020 06:49 PM

procession reached home with bride after record breaking 71 days

यूं तो पुराने समय में बारात को कई-कई दिन तक वधू पक्ष के घर में रोका जाता था, लेकिन ऊना जिला के कुटलैहड़ से पश्चिम बंगाल के कोलकाता गई बारात ने वधू पक्ष के घर में रहने का रिकार्ड कायम कर दिया है। यह बारात न केवल 56 दिन तक वधू पक्ष के यहां रही बल्कि...

ऊना (विशाल): यूं तो पुराने समय में बारात को कई-कई दिन तक वधू पक्ष के घर में रोका जाता था, लेकिन ऊना जिला के कुटलैहड़ से पश्चिम बंगाल के कोलकाता गई बारात ने वधू पक्ष के घर में रहने का रिकार्ड कायम कर दिया है। यह बारात न केवल 56 दिन तक वधू पक्ष के यहां रही बल्कि दुल्हन को लेकर बारात अपने घर पूरे 71 दिन के बाद पहुंच पाई है। 17 सदस्यीय बारात दुल्हन सहित वापसी में 18 सदस्यीय हो गई और यहां 14 दिन के लिए क्वारंटाइन हो गई। यहां हुए कोविड-19 के टैस्ट में दूल्हे का भाई पॉजीटिव पाया गया जोकि अभी तक उपचाराधीन है। बाकी बारात को नैगेटिव पाए जाने पर आज घर भेज दिया गया।

बीएमओ बंगाणा ने दी डिस्चार्ज स्लिप

बारात में शामिल 17 सदस्यों की दूसरी कोरोना टैस्ट रिपोर्ट नैगेटिव आने के बाद संस्थागत क्वारंटीन किए गए 17 बारातियों को आज बीएमओ बंगाणा डॉ. एनके आंगरा ने डिस्चार्ज स्लिप देकर रवाना किया और जाने से पहले सभी को आवश्यक हिदायतें भी दीं। इस दौरान नायब तहसीलदार बीहड़ू धर्मपाल नेगी भी उपस्थित रहे। पिछले 13 दिनों से सभी बाराती संस्थागत क्वारंटाइन में थे, जिनमें 7 पुरुष, 6 महिलाएं व 4 बच्चे शामिल थे।

वीरेंद्र कंवर ने उपलब्ध करवाया राशन

दूल्हे सुनील ने कहा कि शादी के बाद सभी लोग लॉकडाऊन के चलते कोलकाता में ही फंस गए। रेल व हवाई सेवा बंद हो गई और सभी के सामने भोजन की समस्या खड़ी हो गई। इसके बाद उन्होंने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर से संपर्क साधा और उन्होंने मदद करते हुए कोलकाता में ही राशन व अन्य चीजें उपलब्ध करवाईं।

सोलन से कोलकाता गई थी बस

कोलकाता से ऊना का सफर तय करने के लिए सभी लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा। खुशकिस्मती से सोलन जिला से एक बस कोलकाता के लिए गई थी और प्रशासन ने बारातियों से संपर्क साध कर 56 दिन के बाद उन्हें इस बस के माध्यम से वापस ऊना पहुंचाया। 14 मई को सभी बाराती बस में सवार होकर पश्चिम बंगाल से चले और 16 मई को वापस ऊना पहुंचे, जिसके बाद सभी को एहतियात के तौर पर संस्थागत क्वारंटाइन कर दिया गया।

18 मार्च को रवाना हुई थी बारात

शादी करवाने साथ गए पंडित नरेश कुमार शर्मा ने बताया कि बारात 18 मार्च को रवाना हुई थी लेकिन इसी बीच कोरोना संकट के चलते देशभर में लॉकडाऊन हो गया, जिस कारण वहां से वापसी का कोई रास्ता नहीं रहा। कोलकाता में मदद करने व वापस पहुंचाने में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर का बहुत बड़ा योगदान रहा।

14 दिन की क्वारंटाइन अवधि करनी होगी पूरी

स्वास्थ्य विभाग के तय प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी को 14 दिन की क्वारंटाइन अवधि पूरी करनी होगी इसलिए बीएमओ ने सभी बारातियों को एक दिन और किसी से भी घुलने-मिलने से परहेज करने के दिशा-निर्देश दिए हैं। बीएमओ ने कहा कि 3 मई को बारातियों में से एक युवक के पॉजीटिव आने के बाद सभी 17 लोगों के दोबारा सैंपल करवाए गए और दूसरी रिपोर्ट नैगेटिव आने के बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति दी गई।

पॉजीटिव युवक का खड्ड में चल रहा उपचार

नायब तहसीलदार बीहड़ू धर्मपाल नेगी ने बताया कि संस्थागत क्वारंटाइन में सभी लोगों ने प्रशासन के साथ भरपूर सहयोग किया और जिला प्रशासन ऊना की ओर से उन्हें सभी आवश्यक वस्तुएं प्रदान की गईं। संस्थागत क्वारंटाइन किए गए 18 लोगों में से 4 छोटे बच्चे भी थे, जिनके लिए दूध का प्रबंध किया गया है। उन्होंने बताया कि पॉजीटिव पाए गए युवक का उपचार कोविड केयर सैंटर खड्ड में चल रहा है और बाकी सभी 17 लोगों को घर भेज दिया गया है।

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