पुलिस कर्मियों ने लिखा मुख्यमंत्री को खुला पत्र, कहा-मुफ्त यात्रा नहीं, संवैधानिक अधिकार दे सरकार

Edited By Vijay, Updated: 22 Aug, 2024 05:26 PM

police personnel wrote an open letter to the chief minister

पुलिस कर्मचारियों ने एचआरटीसी में मुफ्त यात्रा की बात को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को खुला पत्र लिखा है।

शिमला (ब्यूरो): पुलिस कर्मचारियों ने एचआरटीसी में मुफ्त यात्रा की बात को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को खुला पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री को लिखे खुले पत्र में प्रदेश के समस्त पुलिस कर्मचारियों ने कहा है कि कर्मचारियों को एचआरटीसी बसों में मुफ्त यात्रा नहीं चाहिए, उन्हें सरकार उनका संवैधानिक अधिकार दे। पत्र में लिखा है कि पुलिस कर्मचारियों की पीड़ा को शब्दों में बयान करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि ज्यादातर मसले अगर सरकार हल भी करना चाहे तो भी नहीं कर पाएगी और सरकार के भी हाथ खड़े हो जाएंगे, लेकिन पुलिस कर्मचारी चुपचाप सब कुछ सहन के लिए मजबूर हैं।

वह इसलिए कि पुलिस कर्मचारियों के दिमाग में प्रशिक्षण के समय से ही यह बात डाल दी जाती है कि वे अनुशासन बल के सदस्य हैं और वे संगठन नहीं बना सकते, हड़ताल नहीं कर सकते, सोशल मीडिया में वक्तव्य नहीं दे सकते और तो और सच को सच नहीं बोल सकते। नहीं तो कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो जाएगी और यह बात सच है पुलिस बल का सदस्य अगर कोई सच सोशल मीडिया के माध्यम से सांझा कर दे तो उससे सौ तरह के स्पष्टीकरण मांगे जाते हैं।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में लिखा है कि पुलिस कर्मचारियों के साथ अधिकारों को लेकर अन्याय हो रहा है। प्रदेश में अन्य विभागों के कर्मचारी 3 साल में नियमित होते हैं, लेकिन पुलिस कर्मचारियों को 8 साल लग जाते हैं। सभी कर्मचारी 8 घंटे ड्यूटी करते हैं और सभी सार्वजनिक अवकाश काटते हैं, जबकि पुलिस कर्मचारी 24 घंटे ड्यूटी और सार्वजनिक अवकाश तो छोड़ो, 12 दिन का आकस्मिक अवकाश भी साल भर में नहीं काट पाते। कोई भी कार्यक्रम हो, छुट्टियां बंद होने के आदेश जारी हो जाते हैं।

पत्र के माध्यम से पुलिस कर्मचारियों ने कहा कि सुविधाओं के नाम पर बैरकों में रिहाइश जहां न पर्याप्त रोशनी, न पानी, न बाथरूम, न सही हालत में खान-पान, कहीं छत टपक रही तो कहीं फर्श उखड़े हुए हैं। सालाना करीब 90 दिन की छुट्टियों के बदले 30 दिन का वेतन और वो भी 12 साल पुराने वेतन के आधार पर। पत्र के माध्यम से पुलिस कर्मचारियों ने सवाल उठाया कि जब ड्यूटी आज के परिप्रेक्ष्य में तो वेतन क्यों पुराने तरीकों से दिए जा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से उम्मीद जताई कि वे उनके संवैधानिक अधिकार उन्हें देंगे।
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