Edited By Kuldeep, Updated: 15 Dec, 2024 06:33 PM
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के लोगों को बार-बार भरोसा देने के बाद भी सरकार पलट गई और गैस्ट टीचर पॉलिसी के तहत शिक्षकों की भर्ती करने का नियम लेकर आई है।
शिमला (हैडली): पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के लोगों को बार-बार भरोसा देने के बाद भी सरकार पलट गई और गैस्ट टीचर पॉलिसी के तहत शिक्षकों की भर्ती करने का नियम लेकर आई है। गैस्ट टीचर पॉलिसी के तहत शिक्षक छात्रों को घंटे के हिसाब से पढ़ाएंगे। यह बात पहले भी सामने आई थी, जिसका प्रदेश के युवाओं ने पुरजोर विरोध किया था, जिसके बाद सरकार द्वारा इस पॉलिसी को वापस लेने की घोषणा की गई थी। इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के युवाओं को आश्वस्त भी किया था कि सरकारी ऐसी कोई पॉलिसी नहीं लाएगी जो युवाओं के साथ किसी प्रकार का धोखा हो। शिमला से जारी बयान में उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामी के ही कारण प्रदेश में इस सत्र में अभिभावक सरकारी स्कूलों से किनारा कर रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि विधानसभा के चुनाव प्रचार से लेकर सरकार बनने के बाद सरकार के नुमाइंदों ने प्रदेश के युवाओं को कहा कि उन्हें पैंशन वाली पक्की नौकरी दी जाएगी, लेकिन युवाओं ने भरोसा दिया तो बदले में उन्हें सरकार की तरफ से क्या मिला। चुनाव के समय कांग्रेस ने बढ़-चढ़कर वायदे किए। हर साल एक लाख नौकरी देने की गारंटी के बाद भी सरकार युवाओं को घंटे के हिसाब से नौकरी देने का प्लान बना रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं, छात्रों और अभिभावकों को भरोसा देने के बाद भी इस तरह के कदम उठाना निंदनीय है।
दिनों-दिन खराब होती जा रही शिक्षा व्यवस्था
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता में जनहित और शिक्षा नहीं है, इसीलिए प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था दिनों-दिन खराब होती जा रही है। स्कूलों में बच्चों का ड्रॉप आऊट रेट बढ़ रहा है। पूर्व की भाजपा सरकार में सरकारी स्कूलों में जो छात्रों के एडमिशन की हिस्सेदारी 59 प्रतिशत थी जो व्यवस्था पतन वाली सरकार में घटकर 32 पर रह गई है। इसका कारण है, प्रदेश सरकार अभिभावकों का भरोसा नहीं जीत पाई, उसकी प्रमुख वजह सरकार का शिक्षा पर ध्यान न देना है।