Edited By Ekta, Updated: 18 Aug, 2019 04:28 PM
मंडी जिला में ब्यास का जलस्तर बढ़ने से भारी तबाही हुई है। 5 साल बाद मंडी का ऐतिहासिक पंचवक्त्र मंदिर भी आधा ब्यास में डूब गया है। साल 2014 में भी जब पंडोह डैम से सारे गेट खोले गए थे तो तब भी मंदिर जलमग्न हो गया था। इस बार भी गेट खोले जाने से मंदिर...
मंडी: मंडी जिला में ब्यास का जलस्तर बढ़ने से भारी तबाही हुई है। 5 साल बाद मंडी का ऐतिहासिक पंचवक्त्र मंदिर भी आधा ब्यास में डूब गया है। साल 2014 में भी जब पंडोह डैम से सारे गेट खोले गए थे तो तब भी मंदिर जलमग्न हो गया था। इस बार भी गेट खोले जाने से मंदिर परिसर 10 फीट तक डूब गया है। गुरूद्वारा के पास शमशान घाट भी जलमग्न हुआ और वहां खड़ी पार्किंग में पांच गाड़ियां और नगर परिषद का टैंकर बह गया।
लोगों ने आधा दर्जन वाहन रस्सों से खींचकर अपनी जान जोखिम में डालकर बाहर निकाले। डी.सी. ऋगवेद ठाकुर ने खुद स्थिति पर निगरानी के लिए ब्यास किनारे घूम रहे हैं। लोगों को ब्यास नदी से दूर रहने की अपील कर रहे हैं। पंडोह से पानी छोड़े जाने के बाद कांगड़ा और पंजाब में ब्यास किनारे भारी नुकसान की आशंका है।