Edited By Kuldeep, Updated: 20 Oct, 2024 12:26 PM
आमतौर पर देश के लिए शहीद होने वाले महापुरुषों और वीर जवानों की प्रतिमा चौक-चौराहों पर स्थापित किए जाने की परंपरा है।
पालमपुर (भृगु): आमतौर पर देश के लिए शहीद होने वाले महापुरुषों और वीर जवानों की प्रतिमा चौक-चौराहों पर स्थापित किए जाने की परंपरा है। इन महापुरुषों और वीर जवानों की प्रतिमाओं को जयंती-पुण्यतिथि पर ही याद किया जाता है परंतु वीरभूमि हिमाचल में कई ऐसे स्थान हैं, जहां शहीदों को भगवान का दर्जा मिला है। कई ऐसे शहीद हैं, जिनका स्थान किसी सड़क या मुहल्ले का चौक-चौराहा नहीं अपितु मंदिर हैं।
वीरता का अतुलनीय इतिहास
मातृभूमि की रक्षा में पहाड़ के रणबांकुरों ने वीरता का अतुलनीय इतिहास लिखा है। देश सेवा का जुनून पहाड़ के युवाओं में इस हद तक है कि वर्तमान में प्रदेश में पूर्व सैनिकों की संख्या का आंकड़ा लगभग 111000 के लगभग है जबकि लगभग 115000 जवान वर्तमान में सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कुछ जनपद तो ऐसे हैं जहां हर दूसरे घर से एक सेना में सेवाएं दे रहा है। सेना में वीरता की गाथा में भी पहाड़ी युवा पीछे नहीं रहे हैं। जनसंख्या के आधार पर सर्वाधिक वीरता सम्मान इस पहाड़ी प्रदेश के युवाओं को मिले हैं तो भारतीय सेना से मिलने वाला प्रत्येक 10वां मैडल हिमाचली रणबांकुरे के कंधे पर ही सजता है। ऑप्रेशन विजय में देश के 527 वीर जवान शहीद हुए थे जिनमें से 10 प्रतिशत हिमाचल से संबंधित थे। कारगिल युद्ध करते समय प्रदेश के 52 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी।
हरी वर्दी के प्रति जुनून, तड़के ही युवा सड़कों पर दिखाते हैं दमखम
युवाओं का सेना की हरी वर्दी के प्रति जुनून इस कदर हावी है कि आज भी सेना में भर्ती के लिए तड़के ही युवा सड़कों पर दौड़ लगाना आरंभ कर देते हैं। यही नहीं कई पूर्व सैनिकों द्वारा संचालित की जा रही अकादमियों में भी युवा भर्ती होने के लिए शारीरिक तथा अन्य मानदंडों को पूरा करने की कवायद में जुटे हैं। हाल ही में घोषित अग्निवीर के विभिन्न ट्रेड के परिणाम में 40 प्रतिशत युवा सफल रहे थे जबकि 2020 में तो हिमाचल के रिकार्ड तोड़ 3105 युवा एक साथ सेना में भर्ती हुए थे।
4 जवानों को मिला है परमवीर चक्र
प्रदेश के 4 बहादुर सैनिकों को सेना के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र से अब तक अलंकृत किया जा चुका है जबकि इसके अतिरिक्त 2 जवानों को अशोक चक्र तथा 10 सैनिकों को महावीर चक्र से अलंकृत किया गया है। राज्य से अब तक बहादुर जवानों को साढ़े 11 सौ से अधिक वीरता सम्मान प्राप्त हो चुके हैं जिनमें से कई कीर्ति चक्र हैं।