Kangra: चुप रहकर भी अधिक काम करते थे मनमोहन सिंह : शांता कुमार

Edited By Kuldeep, Updated: 27 Dec, 2024 06:28 PM

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पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। वह भारत के एक महान अर्थशास्त्री और भारत माता के एक यशस्वी पुत्र थे। उन्होंने भारत की आर्थिक नीतियों को नए वातावरण में...

पालमपुर (भृगु): पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। वह भारत के एक महान अर्थशास्त्री और भारत माता के एक यशस्वी पुत्र थे। उन्होंने भारत की आर्थिक नीतियों को नए वातावरण में एक समान ढालने का बहुत बड़ा काम किया। भारत में जो आर्थिक सुधार हुए उन आर्थिक सुधारों के कारण भारत की अर्थव्यवस्था ठीक हुई और दुनिया के 190 देशों में आज हम दुनिया के सबसे अमीर पांच देशों में हैं। इसमें डा. मनमोहन सिंह का बहुत बड़ा योगदान था। शांता कुमार ने कहा कि डा. मनमोहन सिंह के होते हुए कम्पनी एक्ट में एक बहुत बड़ा लाभदायक संशोधन हुआ। संशोधन यह हुआ कि भारत की जितनी सरकारी, अर्द्ध सरकारी कम्पनियां हैं, उनका टोटल टर्नओवर पांच करोड़ से ज्यादा है, वे सब कम्पनियां अपने लाभ का 2 प्रतिशत कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी अर्थात समाज सेवा में लगाएंगी।

उस समय वह सांसद थे एक स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष बने जो इस विषय पर विचार करती थी। तो मैं बड़ा हैरान हुआ कि सरकार की 100 के लगभग सरकारी कम्पनियां थीं और उन्हीं का लगभग 8-10 हजार करोड़ रुपए 2 प्रतिशत लाभ में आता था। सारा पैसा समाज सेवा में लगाना शुरू किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल के मुख्यमंत्री के रूप में जब मैंने पनबिजली योजनाओं में निजी क्षेत्र को लाने की बात शुरू की थी तो अटल बिहारी वाजपेयी के परामर्श पर मैं उस समय के वित्त मंत्री डा. मनमोहन सिंह जी से मिला था तो उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए इस प्रस्तावना को करवाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि मैंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि सरकार की ऐसी 100 कम्पनियों जैसी हजारों प्राइवेट कम्पनियां हैं और यदि यह उन पर भी लागू किया जाए तो लाखों करोड़ों रुपए समाज सेवा के लिए मिलेंगे। इस प्रकार कम्पनी एक्ट में एक संशोधन किया गया और सभी कम्पनियों पर यह लागू किया।

समाज के लिए डा. मनमोहन सिंह की यह एक बहुत बड़ी देन है। विवेकानंद संस्थान के लिए हमने सीएसआर से 20 से 25 करोड़ रुपए का योगदान लिया। शांता कुमार ने कहा कि डा. मनमोहन सिंह चुप रहते थे, काम बहुत करते थे। आर्थिक विषयों पर उनकी बहुत विशेषज्ञता थी। उनके निधन के कारण हम सब बहत दुखी हैं। उन्होंने उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि भगवान उनको चरणों में स्थान दें।

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