Edited By Vijay, Updated: 23 Sep, 2024 06:31 PM
प्रदेश के शिक्षण संस्थानों को परिसर में पोक्सो से संबंधित मामलों पर निगरानी के आदेश दिए गए हैं। संस्थानों को ऐसे मामलों की निगरानी के लिए आईटी उपकरणों का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।
शिमला (ब्यूरो): प्रदेश के शिक्षण संस्थानों को परिसर में पोक्सो से संबंधित मामलों पर निगरानी के आदेश दिए गए हैं। संस्थानों को ऐसे मामलों की निगरानी के लिए आईटी उपकरणों का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से प्रदेश को ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने को कहा गया है।
इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग ने शिक्षा विभाग को विद्यार्थियों को पोक्सो एक्ट में किए गए प्रावधानों के बारे में जानकारी देने को कहा है, साथ ही स्कूलों और कालेजों में असामान्य गतिविधियों या व्यवहार पर नजर रखने के लिए आईटी उपकरणों का उपयोग करने को भी कहा गया है।
इसके साथ ही विभाग ने जिला प्रशासन को विभिन्न एजैंसियों (जैसे बाल संरक्षण सेवाएं, पुलिस, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता) से जानकारी एकत्र करने के लिए एक केंद्रीकृत डाटाबेस बनाने का आग्रह किया है, जहां से संबंधित जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके। पोक्सो एक्ट के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग करने की सलाह भी दी गई है। विभाग ने जिलों को इसकी एक्शन टेकन रिपोर्ट जल्द से जल्द देने को कहा है, ताकि इसे आगे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को प्रस्तुत किया जा सके।
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