SC ने सुनाया फैसला, मैक्लोडगंज बीओटी बस स्टैंड में अवैध निर्माण गिराने के दिए आदेश

Edited By Vijay, Updated: 12 Jan, 2021 11:56 PM

order to demolish illegal construction in mcleodganj bot bus stand

पर्यटन नगरी मैक्लोडगंज में बीओटी बस स्टैंड में विवादित अवैध निर्माण के मामले पर मंगलवार को सर्वाेच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने बीओटी के तहत निर्मित किए गए इस भवन में अवैध रूप से तैयार किए गए होटल तथा रैस्टोरैंट को तोड़ने के...

धर्मशाला (तनुज): पर्यटन नगरी मैक्लोडगंज में बीओटी बस स्टैंड में विवादित अवैध निर्माण के मामले पर मंगलवार को सर्वाेच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने बीओटी के तहत निर्मित किए गए इस भवन में अवैध रूप से तैयार किए गए होटल तथा रैस्टोरैंट को तोड़ने के आदेश जारी किए हैं। 2 सप्ताह के भीतर संबंधित कंपनी को इसे तोडऩे के लिए कहा है। यदि कंपनी इसे निर्धारित समय में नहीं तोड़ती है तो 1 माह के भीतर इस अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन व वन विभाग को आदेश दिए हैं। जिला प्रशासन व वन विभाग इस अवैध निर्माण को तोड़ता है तो इसका खर्चा संबंधित कंपनी से लिया जाएगा। वहीं इस स्थान को केवल नियमों के तहत प्रदान की गई अनुमति के अनुसार पार्किंग तथा बस स्टैंड के लिए ही प्रयोग किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के 3 न्यायाधीशों न्यायमूर्ति डॉ. धनंजय वाई चंद्रचूड़, इंदु मल्होत्रा व इंदिरा बैनर्जी की बैंच ने मंगलवार को सिविल अपील पर यह फैसला सुनाया।

एनजीटी ने भी दिए थे विवादित ढांचे को गिराने के आदेश

जानकारी के अनुसार मैक्लोडगंज में वर्ष 1997 में पार्किंग निर्माण को लेकर अनुमति मिली थी। इसके बाद मार्च 2001 में निर्धारित स्थल पर बस स्टैंड निर्माण को लेकर अनुमति मिली थी। पार्किंग तथा बस स्टैंड निर्माण को लेकर अनुमति के बावजूद इस स्थान पर अवैध रूप से होटल तथा रैस्टोरैंट का निर्माण कर दिया गया। इस मामले को लेकर वर्ष 2006 में अवैध निर्माण का मामला उठाया गया जिस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई कमेटी के पास यह मामला पहुंचा। इस संबंध में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी फैसला सुनाया था। एनजीटी ने भी विवादित ढांचे को गिराने के लिए आदेश दिए थे।

सर्वोच्च न्यायालय ने सत्य पर लगाई मुहर : अतुल

मैक्लोडगंज बस स्टैंड के स्थान पर अवैध निर्माण के मामले को उठाने वाले याचिकाकत्र्ता अतुल भारद्वाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सत्य पर मुहर लगाई है। निर्माण के दौरान एफसीए के प्रावधानों की उल्लंघना हुई है। लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद राहत मिली है। कोर्ट में तथ्य पेश किए गए थे तथा सुप्रीम कोर्ट ने ही जांच करवाई थी। हमने इस रिपोर्ट को लागू करने का आग्रह किया था। अब न्यायालय ने इस स्थान को पार्किंग तथा बस स्टैंड के लिए प्रयोग करने के आदेश दिए हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!