Edited By Vijay, Updated: 15 Oct, 2020 11:29 PM

हिमाचल प्रदेश सरकार ने सूबे के ग्रामीणों को बड़ी राहत प्रदान की है। प्रदेश में बढ़ती मजदूरी व निर्माण सामग्री की बढ़ती लागत को देखते हुए अब सरकार ने गऊशाला निर्माण के लिए मनरेगा में एक लाख रुपए का बजट रखा है।
सोलन (नरेश पाल): हिमाचल प्रदेश सरकार ने सूबे के ग्रामीणों को बड़ी राहत प्रदान की है। प्रदेश में बढ़ती मजदूरी व निर्माण सामग्री की बढ़ती लागत को देखते हुए अब सरकार ने गऊशाला निर्माण के लिए मनरेगा में एक लाख रुपए का बजट रखा है। 7 मीटर गुणा 4 मीटर व 2.1 मीटर ऊंची गऊशाला का निर्माण किया जा सकता है। हालांकि लाभार्थी इससे कम साइज की गऊशाला भी बना सकते हैं लेकिन इसके लिए स्वीकृत राशि भी कम होगी। गऊशाला का निर्माण भी 60:40 अनुपात में करना होगा। इसमें स्थानीय निर्माण सामग्री का ही इस्तेमाल किया जाएगा।
वाटर हार्वैस्टिंग टैंक की लिमिट 1.50 लाख रुपए
मनरेगा वाटर हार्वैस्टिंग टैंक की लिमिट को 1 लाख से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपए कर दिया है यानी इस योजना के तहत 1.50 लाख रुपए तक के टैंक का निर्माण किया जा सकता है। यह पैसा इस योजना के तहत सरकार द्वारा वहन किया जा सकता है। ग्रामीण विकास विभाग ने 1.50 लाख रुपए में टैंक का साइज भी निर्धारित किया है। करीब 31 हजार लीटर टैंक का निर्माण किया सकता है। टैंक का निर्माण 60:40 अनुपात में ही करना होगा। 60 प्रतिशत लेबर तथा 40 फीसदी निर्माण सामग्री पर रुपए खर्च किए जाएंगे। टैंक के निर्माण पर इससे अधिक लागत को लाभार्थी स्वयं वहन करेंगे।
पक्के रास्ते के निर्माण व रिपेयर को भी हरी झंडी
मनरेगा में पक्के रास्ते के निर्माण व रिपेयर को भी हरी झंडी मिल गई है। पंचायत एक वार्ड में एक लाख रुपए तक पक्के रास्ते का निर्माण या रिपेयर कर सकती है। इससे पहले मनरेगा में पक्के रास्ते के निर्माण व रिपेयर पर रोक थी लेकिन इस बारे अब नई गाइडलाइन जारी की गई है। इस योजना के तहत घर के पास दीवार का निर्माण किया जा सकता है। लैंड डिवैल्पमैंट के तहत दीवार का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने राशि को 35000 से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया है। योजना में केवल 50 हजार रुपए ही वहन किए जाएंगे। 60:40 अनुपात में यह राशि खर्च की जाएगी।