Bilaspur: अब निजी भवनों में श्रद्धालुओं को ठहराने पर होगी कार्रवाई, जानिए वजह

Edited By Jyoti M, Updated: 04 Sep, 2024 11:27 AM

now action will be taken on accommodating devotees in private buildings

हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग मंडी कार्यालय की टीम ने शाहतलाई में स्थित होटलों व गैस्ट हाऊस का मंगलवार को औचक निरीक्षण किया। पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने शाहतलाई में अवैध रूप से निजी भवनों में श्रद्धालुओं को ठहराए जाने पर कड़ा संज्ञान लेते हुए करीब...

हिमाचल डेस्क (स.ह.): हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग मंडी कार्यालय की टीम ने शाहतलाई में स्थित होटलों व गैस्ट हाऊस का मंगलवार को औचक निरीक्षण किया। पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने शाहतलाई में अवैध रूप से निजी भवनों में श्रद्धालुओं को ठहराए जाने पर कड़ा संज्ञान लेते हुए करीब आधा दर्जन ऐसे भवनों के मालिकों को सख्त हिदायत देते हुए भवनों का पंजीकरण करवाने को कहा, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कानून कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

उधर हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग के उपनिदेशक मनोज कुमार ने पुष्टि करते हुए कहा कि मंगलवार को होटलों व गैस्ट हाऊसों का निरीक्षण किया, साथ ही कुछ अवैध रूप से निजी भवनों के मालिकों को अपने भवनों का पंजीकरण पर्यटन विभाग से करवाने को कहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग बिना पंजीकरण के श्रद्धालुओं को ठहरा रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 

पंजीकृत होटल व गैस्ट हाऊसों के कमरे रहते हैं खाली

शाहतलाई होटल एवं गैस्ट हाऊस एसोसिएशन की बैठक प्रधान विजय शर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई। होटल एवं गैस्ट हाऊस एसोसिएशन शाहतलाई के सचिव प्रदीप कतना ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में मुख्यतः बाबा बालक नाथ की धार्मिक नगरी शाहतलाई में निजी भवन मालिकों द्वारा श्रद्धालुओं को ठहराए जाने के कारण पंजीकृत होटल व गैस्ट हाऊस मालिकों को हो रहे आर्थिक नुक्सान बारे चर्चा की गई।

उन्होंने बताया कि शाहतलाई में करीब 2 दर्जन से अधिक निजी भवनों के मालिक श्रद्धालुओं को अपने कमरों में ठहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपरोक्त भवनों के अधिकतर मालिकों द्वारा कमरों में श्रद्धालुओं को ठहराने हेतु व्यक्ति रखे हुए हैं और वे मुख्य चौक पर देर रात तक खड़े होकर श्रद्धालुओं की गाड़ियों को रोककर अपने कमरों में ले जाते हैं, जबकि पंजीकृत होटल व गैस्ट हाऊसों के कमरे खाली रहते हैं।

उन्होंने कहा कि इससे एक ओर जहां सरकारी नियमों का पालन करते हुए वे होटल व गैस्ट हाऊस चला रहे हैं वहीं दूसरी ओर कुछ लोग बिना किसी पंजीकरण के श्रद्धालुओं को ठहराकर पैसा कमा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बैठक में उपस्थित सभी होटल व गैस्ट हाऊस मालिकों ने सरकार, पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन सहित अन्य विभागों से मांग की है कि ऐसे अवैध कारोबारियों पर लगाम लगाई जाए, ताकि पंजीकृत होटल व गैस्ट हाऊस मालिकों को नुक्सान न उठाना पड़े।

उन्होंने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि शीघ्र ऐसे अवैध भवन में श्रद्धालुओं को ठहराने वाले कारोबारियों पर शिकंजा नहीं कसा गया तो होटल एवं गैस्ट हाऊस एसोसिएशन शाहतलाई के पदाधिकारियों को मजबूरन अपने होटल व गैस्ट हाऊसों की आर.सी. डी.सी. बिलासपुर के पास जमा करवाने को मजबूर होना पड़ेगा। पश्चात बैठक के एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने शाहतलाई में हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग के उपनिदेशक मनोज कुमार व अतिरिक्त उपनिदेशक रितेश पटियाल मंडी से मुलाकात की तथा उन्हें वर्तमान स्थिति से अवगत करवाया। मंडी से आए पर्यटन विभाग के उपनिदेशक मनोज कुमार ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों को उनकी समस्या को हल करने का आश्वासन दिया है।

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