Edited By Vijay, Updated: 24 Jun, 2025 09:43 PM

हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में साेमवार रात को हुई बारिश के चलते उपमंडल धर्मपुर के अंतर्गत आते हुक्कल में एनएच की निर्माण कंपनी द्वारा लगाई गई पत्थरों की दीवार स्कूल भवन के ऊपर भरभरा कर गिर पड़ी, जिससे 2 कमरों और बरामदे को क्षति पहुंची है।
धर्मपुर (उमेश): हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में साेमवार रात को हुई बारिश के चलते उपमंडल धर्मपुर के अंतर्गत आते हुक्कल में एनएच की निर्माण कंपनी द्वारा लगाई गई पत्थरों की दीवार स्कूल भवन के ऊपर भरभरा कर गिर पड़ी, जिससे 2 कमरों और बरामदे को क्षति पहुंची है। इसके अलावा भवन के अधिकांश हिस्से में दरारें पड़ चुकी हैं। गौर रहे कि यहां पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने किसान सभा के बैनर तले बार-बार प्रशासन को अवगत कराया था कि डंगे में लग रहा सब स्टैंडर्ड मैटीरियल एक दिन जमीन पर गिर पड़ेगा, लेकिन किसी ने उनकी शिकायतों पर अमल नहीं किया।
सरकाघाट-जोगिंद्रनगर सड़क रही 4 घंटे बंद
इसके अलावा बारिश के चलते सरकाघाट-जोगिंद्रनगर सड़क मार्ग दमसेहड़ा से लेकर चौस पुल तक रड़ा नाला में मलबा आने से करीब 4 घंटे बंद रहा। प्रशासन और पीडब्ल्यूडी के हरकत में आने के पश्चात जेसीबी मशीनों द्वारा यह सड़क मार्ग बहाल किया गया। उधर, धर्मपुर म्योह के पास बिजली का पोल गिरने से भी वाहन चालकों को कई घंटे इंतजार करना पड़ा।
बरोटी बाईपास की कटिंग के बाद खतरे की जद्द में कई मकान
नैशनल हाईवे-003 के लिए बरोटी बाईपास में की गई कटिंग से ज्ञान चंद, रमेश चंद, सन्नी कुमार, गीता देवी, अजय कुमार और सतीश कुमार के घरों को खतरा पैदा हो गया है। इन परिवारों के घरों के आगे कई महीने पहले कटिंग की गई थी, लेकिन सुरक्षा दीवारें लगाने में हुए विलंब के कारण वहां यहां भूस्खलन हुआ। उधर, बर्फी देवी पत्नी बेली राम, गीता देवी पत्नी लेख राज, सन्नी कुमार पुत्र लेख राज और अजय कुमार पुत्र लेख राज का कहना है कि एनएच द्वारा उनके घरों का मुआवजा नहीं दिया गया है, जबकि कटिंग उनके आंगन तक कर दी गई है। लगातार भूस्खलन हो रहा है जिससे इन 4 परिवारों को जानमाल का भय सता रहा है।
क्या कहते हैं एसडीएम धर्मपुर
एसडीएम धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल ने बताया कि आपदा से निपटने के लिए सरकारी मशीनरी को चुस्त-दुरुस्त रखा गया है। सभी विभागों से सामंजस्य बिठाकर काम किया जा रहा है। ग्रामीण सोशल मीडिया पर प्रचारित होने वाली भ्रामक जानकारी पर विश्वास करने से बचें, किसी भी तरह के आपातकाल में प्रशासन को सूचित करें।
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