Edited By Vijay, Updated: 08 Sep, 2023 05:37 PM

जिला किन्नौर में राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 निगुलसरी के पास वीरवार रात को भूस्खलन होने से पूरी तरह बंद हो गया है, जिससे जिला किन्नौर देश-दुनिया से पूरी तरह कट चुका है।
रिकांगपिओ (रिपन): जिला किन्नौर में राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 निगुलसरी के पास वीरवार रात को भूस्खलन होने से पूरी तरह बंद हो गया है, जिससे जिला किन्नौर देश-दुनिया से पूरी तरह कट चुका है। एनएच के अवरुद्ध होने से रिकांगपिओ से रामपुर शिमला व शिमला से रिकांगपिओ की तरफ छोटे व बड़े वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है, जिससे मार्ग के दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं।
400 मीटर सड़क का नामोनिशान मिटा
जानकारी के अनुसार वीरवार रात को निगुलसरी के पास पहाड़ी से भारी मात्रा में भूस्खलन हुआ, जिससे पहाड़ी से भारी भरकम चट्टानें व मलबा सड़क मार्ग पर जा गिरा। यहां लगभग 400 मीटर सड़क का नामोनिशान मिट चुका है, जिससे एनएच को बहाल होने में लगभग एक सप्ताह का समय लग सकता है। एनएच के बंद होने से अब लोगों के साथ-साथ बागवानों को भी अपनी नकदी फसलों को मंडियों तक पहुंचाने की चिंता सताने लगी है। हालांकि एनएच प्राधिकरण द्वारा मार्ग को बहाल करने के लिए मार्ग के दोनों तरफ मशीनरी के साथ युद्ध स्तर पर कार्य शुरू कर दिया गया है परंतु मार्ग का लगभग 400 मीटर हिस्सा पूरी तरह धंस चुका है, जिससे मार्ग को शीघ्र बहाल करना चुनौती बना हुआ है।
2015-16 में भी इसी स्थान पर हुआ था भूस्खलन
बता दें कि भूस्खलन की चपेट में इस क्षेत्र का काफी बड़ा हिस्सा आ चुका है तथा वर्ष 2015-16 में भी इस इसी स्थान पर भूस्खलन हुआ था। वहीं पिछले कल भी एक पिकअप व ट्रक भी पत्थर के चपेट में आने से उनमें लदीं सेब के पेटियों को भारी नुक्सान हुआ था। जिला प्रशासन द्वारा भी भूस्खलन होने की आशंका को देखते हुए वीरवार शाम 7 बजे से शुक्रवार सुबह 5 बजे तक वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी, जिसके चलते इस भूस्खलन से किसी तरह का जानी नुक्सान नहीं हुआ है। वहीं एहतियात के तौर पर पुलिस के जवानों को भी तैनात कर दिया गया है।
शीघ्र की जाएगी वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था : जिलाधीश
वहीं इस बारे जिलाधीश किन्नौर तोरुल एस. रवीश ने बताया कि निगुलसरी में भूस्खलन होने से मार्ग पूरी तरह बंद हो चुका है तथा मार्ग की बहाली के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल पैदल यात्रियों के लिए तरंडा से होकर वैकल्पिक रास्ता बनाया गया है तथा प्रशासन व एनएच विभाग की कोशिश है कि बागवानों की सेब की फसल को मंडियों तक पहुंचाने के लिए मार्ग को शीघ्र पिकअप आदि गाड़ियों के लिए बहाल किया जाएगा। यदि मार्ग शीघ्र बहाल नहीं हो पाता है तो वाया बड़ा कम्बा यातायात को चलाया जाएगा ताकि सेब समय पर मंडियों तक पहुंच सकें।
युद्धस्तर पर किया जा रहा कार्य : एक्सियन
वहीं इस बारे एनएच एक्सियन केएल सुमन ने बताया कि सड़क बहाली के लिए दोनों तरफ मशीनों के साथ युद्ध स्तर पर कार्य शुरू किया गया है परंतु सड़क मार्ग का काफी हिस्सा पूरी तरह धंस चुका है, इसलिए मार्ग को बहाल करने में लगभग एक सप्ताह का समय लग सकता है।

राजस्व मंत्री मौके पर पहुंचे, मार्ग को बहाल करने के दिए निर्देश
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने स्वयं मौके पर पहुंचकर राष्ट्रीय उच्चमार्ग-05 के अधिकारियों द्वारा शीघ्र मशीनें बुलवाकर अवरुद्ध सड़क को खोलने का कार्य आरंभ करवाया। उन्होंने युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने अवरुद्ध मार्ग की स्थिति का ड्रोन के माध्यम से निरीक्षण किया और लोगों की सुविधा के लिए ट्रांसशिपमैंट की सुविधा उपलब्ध करवाने को कहा। उन्होंने विद्युत विभाग को बिजली बहाली और जल शक्ति विभाग को पानी सुचारू करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जिला किन्नौर के लोगों की सेब व मटर की फसलों को समय पर मंडी तक पहुंचाने के लिए तरांडा-निगुलसरी मार्ग में स्पैन को तुरंत प्रभाव से आरंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों की सुरक्षा के लिए सोल्डिंग में आवाजाही रोकने को कहा और पैदल यात्रियों के लिए खाने का उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय उच्चमार्ग के अवरुद्ध स्थान पर पैदल यात्रियों के लिए चिकित्सीय सहायता भी उपलब्ध करवाई जा रही है।
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