सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के युवाओं को जारी एसटी प्रमाण पत्र वैध

Edited By Kuldeep, Updated: 21 Oct, 2024 10:04 PM

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जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटियों के लिए राहत की खबर है। हिमाचल प्रदेश सरकार के अनुसूचित जाति विकास विभाग ने गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय के युवाओं को जारी एसटी प्रमाण पत्रों को वैध यानी वैलिड घोषित कर दिया है।

नाहन (आशु्): जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटियों के लिए राहत की खबर है। हिमाचल प्रदेश सरकार के अनुसूचित जाति विकास विभाग ने गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय के युवाओं को जारी एसटी प्रमाण पत्रों को वैध यानी वैलिड घोषित कर दिया है। यह फैसला 1 से 3 जनवरी 2024 के बीच जारी प्रमाण पत्रों पर लागू होगा। इसको लेकर अनुसूचित जाति विकास विभाग ने जिला प्रशासन को भी पत्र लिखकर इसे लागू करने के आदेश जारी किए हैं। हाटी समुदाय के लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है। जानकारी के अनुसार हिमाचल सरकार के अनुसूचित जनजाति विकास विभाग ने इस पूरे मामले में विधि विभाग से परामर्श लिया।

इस पर विधि विभाग ने हाईकोर्ट के निर्देशों के मुताबिक प्रमाण पत्रों को वैध घोषित करने की सिफारिश की। बता दें कि सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (जनजाति विभाग) की ओर से हाल ही में 4 अक्तूबर को डीसी सिरमौर को एक पत्र जारी किया गया। इस पत्र में स्पष्ट किया गया है कि गिरिपार क्षेत्र में जिन लोगों को 1 से 3 जनवरी, 2024 तक 3 दिनों की अवधि के बीच हाटी जनजाति प्रमाण पत्र जारी किए गए थे, वे सभी वैध हैं। यानी ये सभी जनजाति के आधार पर लाभ लेने की पात्रता रखते हैं। उपरोक्त आदेशों को लागू करने के लिए सिरमौर प्रशासन ने भी गत 9 अक्तूबर को जिला के समस्त एसडीएम, तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों को पत्र के माध्यम से इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।

ये दिया गया तर्क
1 से 3 जनवरी 2024 तक तीन दिनों की अवधि में जिन्होंने अपने जनजाति प्रमाण पत्र बनाए थे, उन्हें इसका अंदाजा नहीं था कि हाटी जनजाति मुद्दे पर हाईकोर्ट शिमला द्वारा दिए गए अंतरिम स्टे के चलते जनजाति प्रमाण पत्र का लाभ मिलेगा या नहीं।

क्या कहते हैं सहायक आयुक्त
इस मामले में सहायक आयुक्त सिरमौर विवेक शर्मा ने बताया कि ये प्रमाण पत्र उस वक्त जारी किए गए थे, जब सरकार ने एसटी की अधिसूचना जारी की थी, लेकिन इसके बाद मामला अदालत में पहुंचा। इस बीच कुछ युवाओं को एसटी के प्रमाण पत्र जारी हुए थे। फिलहाल यह आंकड़ा अभी उपलब्ध नहीं है कि इस अवधि में कितने प्रमाण पत्र जारी हुए थे, लेकिन इनकी संख्या 60 से 70 के बीच हो सकती है।

फैसले से समुदाय के लोगों में खुशी : हाटी समिति
केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष अमी चंद कमल और महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री ने बताया कि इस फैसले से समुदाय के लोगों में खुशी का माहौल है। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजाति का संवैधानिक अधिकार मिलने की गजट अधिसूचना 4 अगस्त, 2023 को जारी हुई थी और तब से लेकर 15 महीने का समय बीत चुका है, लेकिन राजनीतिक षड्यंत्र के कारण जनजाति अधिकार का मामला लटका हुआ है।

21 नवम्बर को हाईकोर्ट में अगली सुनवाई
अमी चंद कमल और कुंदन सिंह शास्त्री ने कहा कि हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई में अंतरिम स्टे के चलते गिरिपार क्षेत्र के हजारों युवाओं को राज्य और केंद्र सरकार में जनजाति कोटे की हजारों नौकरियों में आरक्षण का लाभ लेने से वंचित रहना पड़ा है। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट में 21 नवम्बर को अगली सुनवाई निर्धारित है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य और केंद्र सरकारों के तथ्यपूर्ण और सकारात्मक जवाब व दावों के चलते हाईकोर्ट में भी गिरिपार क्षेत्र की अढ़ाई लाख हाटी जनता को न्याय मिलेगा और जनजाति का लाभ लेने में आ रही सभी बाधाएं भी दूर होंगी।

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