नाहन-हरिपुरधार मार्ग 23 दिनों बाद बहाल, जान का जोखिम अभी भी बरकरार (Video)

Edited By Vijay, Updated: 01 Sep, 2018 04:04 PM

भारी चट्टानें गिरने के बाद बंद हुए नाहन-हरिपुरधार मार्ग को आखिकार 23 दिनों बाद बहाल तो कर दिया गया है। मगर यहां जान जोखिम है। भारी वाहन चालक जान को जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं या फिर सीधे शब्दों में कहें तो यहां खतरे में जिंदगी है।

नाहन (सतीश): भारी चट्टानें गिरने के बाद बंद हुए नाहन-हरिपुरधार मार्ग को आखिकार 23 दिनों बाद बहाल तो कर दिया गया है। मगर यहां जान जोखिम है। भारी वाहन चालक जान को जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं या फिर सीधे शब्दों में कहें तो यहां खतरे में जिंदगी है। अगर इस मार्ग पर 2 बड़े वाहन एक-साथ गुजरते हैं तो यहां छोटी सी गलतीे कभी जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। हालांकि बड़े वाहनों की आवाजाही शुरू होने से क्षेत्र की 40 पंचायतों के हजारों लोगों को राहत जरूर मिली है लेकिन वाहन चालकों के लिए खतरा अभी भी बरकरार ही है।

चट्टानें गिरने से टूट गई थी अढ़ाई मीटर सड़क
सनद रहे कि इस मार्ग पर हरिपुरधार से 8 किलोमीटर दूर बडियाल्टा ढांक में सड़क के पीछे भारी चट्टानों के गिरने से डंगे समेत अढ़ाई मीटर सड़क पूरी तरह से टूट गई थी। लोक निर्माण विभाग ने कच्चा डंगा लगाकर इस सड़क को छोटे वाहनों के लिए 15 दिन पहले खोल दिया था। मगर इस सड़क को बड़े वाहनों के योग्य बनाने के लिए वहां पर पक्का डंगा लगाया जाना अनिवार्य है। सड़क पर बार-बार गिर रही चट्टानों के कारण वहां पर डंगा लगाना मुमकिन नहीं हो पा रहा था। इसलिए विभाग ने पहले खतरनाक ढांक को काटने का फैसला लिया। इस ढांक के काटने के बाद हालांकि सड़क की चौड़ाई लगभग अढ़ाई मीटर बढ़ गई है। मगर बावजूद इसके यहां बड़े वाहनों के लिए लगातार खतरा बना हुआ है।

3 विस क्षेत्रों को जिला मुख्यालय से जोड़ता है सड़क मार्ग
बता दें कि यह मार्ग 3 विस क्षेत्रों को जिला मुख्यालय से जोड़ता है। इस मार्ग बंद होने से 40 से अधिक पंचायतों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया था। इसके कारण पिछले 23 दिनों से भवन सामग्री पर रोक लगने के कारण क्षेत्र में सभी प्रकार के निर्माण कार्य ठप्प हो गए थे, जिससे सैंकड़ों मजदूर व वाहन मालिक बेरोजगार हो गए थे। इस मुख्य मार्ग के बंद होने से पैदा हुई गंभीर समस्या को देखते हुए विभाग ने रतवा-पीयूलीलानी संपर्क मार्ग को विकल्प के तौर पर तैयार किया था और बड़े वाहनों की आवाजाही वाया पीयूलीलानी-रतवा से होकर शुरू की गई थी। इस वैकल्पिक मार्ग के बनने से हरिपुरधार क्षेत्र के लोगों को 38 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा था। उधर, लोक निर्माण विभाग की मानें तो बड़े वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई है लेकिन सड़क अभी भी तंग रह गई है।

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