Edited By Vijay, Updated: 24 Jul, 2025 07:53 PM

हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह इन दिनों जापान और दक्षिण कोरिया के दौरे पर हैं। गुरुवार को टोक्यो में उनकी मुलाकात टोक्यो की उपराज्यपाल मात्सुमोटो अकीको से मैट्रोपोलिटन गवर्नमेंट भवन में हुई।
शिमला (राक्टा): हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह इन दिनों जापान और दक्षिण कोरिया के दौरे पर हैं। गुरुवार को टोक्यो में उनकी मुलाकात टोक्यो की उपराज्यपाल मात्सुमोटो अकीको से मैट्रोपोलिटन गवर्नमेंट भवन में हुई। इस मुलाकात को हिमाचल के भविष्य के शहरी विकास के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है। बैठक के दौरान मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक और आपदा संवेदनशील स्थिति को ध्यान में रखते हुए डिजास्टर मैनेजमैंट, भूकंपरोधी इमारतों के निर्माण, स्मार्ट पार्किंग और ठोस कचरा प्रबंधन (वेस्ट मैनेजमैंट) जैसे मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने टोक्यो मैट्रोपोलिटन अथॉरिटी से इन क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग और सुझाव भी मांगा।
हिमाचल को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाना है लक्ष्य
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के समग्र विकास के लिए दुनिया की बेहतरीन तकनीकों और योजनाओं को अपनाने में पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य हिमाचल को न केवल सुंदर और सुरक्षित बनाना है बल्कि उसे तकनीक और प्रबंधन के मामले में भी विकसित राज्यों की श्रेणी में लाना है। इस आधिकारिक दौरे पर मंत्री के साथ विधायक हरीश जनारथा, राकेश कालिया, अजय सोलंकी, आशीष बुटेल और शहरी विकास विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं।
जापान और कोरिया से सीखे शहरी विकास के गुर
टीम ने अपने दौरे के दौरान जापान और दक्षिण कोरिया के कई शहरों का दौरा किया, जहां उन्होंने इन देशों की आधुनिक शहरी योजनाओं और नागरिक सुविधाओं का गहराई से अवलोकन किया। उन्होंने देखा कि कैसे सुनियोजित तरीके से हर घर को बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से जोड़ा गया है। साथ ही, वहां के ठोस कचरा निपटान, यातायात नियंत्रण, स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था और फूड प्रोसैसिंग जैसी सुविधाएं भी काफी प्रभावशाली रहीं। टीम ने ढलानों की मजबूती, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग, ट्रैफिक मैनेजमेंट और स्मार्ट सिटी योजनाओं के तहत उपयोग होने वाली अत्याधुनिक तकनीकों पर भी गहन चर्चा की। यह दौरा प्रदेश के लिए न केवल शैक्षिक रूप से लाभदायक रहा, बल्कि भविष्य के शहरी विकास की दिशा को लेकर एक स्पष्ट दृष्टिकोण भी सामने आया।
27 जुलाई को शिमला लौटेगी टीम
करीब 8 दिन की यह विदेश यात्रा अब अपने अंतिम चरण में है। प्रतिनिधिमंडल 27 जुलाई को हिमाचल लौट आएगा। माना जा रहा है कि इस दौरे के अनुभवों और विचारों को अब प्रदेश में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स के तहत लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। डिजास्टर मैनेजमैंट, भूकंपरोधी निर्माण, स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल और कचरा प्रबंधन जैसे मसलों पर सरकार नई तकनीकों और विशेषज्ञता का लाभ उठाने की योजना बना रही है।