Edited By Vijay, Updated: 13 Sep, 2024 10:46 PM
हिमाचल में स्कूलों के बाद अब कई मिनी आंगनबाड़ी केंद्र मर्ज होंगे तो कई बंद होंगे। भारत सरकार ने इसके आदेश दे दिए हैं।
शिमला (प्रीति): हिमाचल में स्कूलों के बाद अब कई मिनी आंगनबाड़ी केंद्र मर्ज होंगे तो कई बंद होंगे। भारत सरकार ने इसके आदेश दे दिए हैं। ऐसे में जो आंगनबाड़ी केंद्र जनसंख्या को लेकर तय किए नियमों को पूरा करेंगे, उन्हें साथ लगते बड़े आंगनबाड़ी केंद्र में मर्ज किया जाएगा और जो नियम पूरा नहीं करेंगे, उसे बंद कर दिया जाएगा। इसमें बच्चों की संख्या भी देखी जाएगी। हालांकि तय नियमों के मुताबिक मिनी आंगनबाड़ी उस क्षेत्र में खोली जाती है, जहां की जनसंख्या 150 से 200 के बीच रहती है और बड़े आंगनबाड़ी केंद्रों में यह जनसंख्या ज्यादा रहती है।
शहरी क्षेत्रों में 500 से 700 के बीच और ग्रामीण क्षेत्रों में 250 के 300 तक जनसंख्या होनी चाहिए। ऐसे में अब केंद्र सरकार ने निर्देशों के अनुसार जो आंगनबाड़ी केंद्र उक्त तय शर्तें पूरा करेगा, उसे बड़े केंद्रों में मर्ज किया जाएगा। हालांकि प्रदेश में अधिकतर मिनी आंगनबाड़ी केंद्र यह शर्त पूरा नहीं कर रहे हैं। ऐसे में अब कई आंगनबाड़ी केंद्र बंद हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि इसके लिए केंद्र से आने वाली ग्रांट भी अभी बंद है। बीते फरवरी महीने से मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत सहायिकाओं को मानदेय भी नहीं मिला है।
इस दौरान केंद्र से आने वाले शेयर पर भी रोक लगी है। यही वजह है कि बड़े आंगनबाडी केंद्रों में कार्यरत कार्यकर्त्ताओं व सहायिकाओं के मानदेय में केंद्र का शेयर नहीं पड़ रहा है। अब केंद्र के निर्देशों की अनुपालना के बाद ही योजना के तहत मिलने वाला शेयर प्रदेश को मिलेगा। गौर हो कि भारत सरकार व नीति आयोग तथा पे कमीशन के निर्देशों के बाद प्रदेश में कम इनरोलमैंट वाले स्कूल मर्ज किए गए थे और जहां एक भी इनरोलमैंट नहीं थी, उन स्कूलों को बंद किया गया था।
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