Edited By Vijay, Updated: 02 Nov, 2022 11:55 PM

मेडिकल काॅलेज टांडा में फिर एमआरआई मशीन के खराब होने से यहां पर दूरदराज से आने वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां लगी एमआरआई मशीन वर्षों पुरानी हो चुकी है तथा अपनी समयावधि समाप्त कर चुकी है जिसे प्रशासन द्वारा बार-बार ठीक...
कांगड़ा (किशोर): मेडिकल काॅलेज टांडा में फिर एमआरआई मशीन के खराब होने से यहां पर दूरदराज से आने वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां लगी एमआरआई मशीन वर्षों पुरानी हो चुकी है तथा अपनी समयावधि समाप्त कर चुकी है जिसे प्रशासन द्वारा बार-बार ठीक करवाया जाता है और फिर खराब हो जाती है। इस पर प्रशासन द्वारा भारी-भरकम धनराशि भी खर्च की जा चुकी है। इसके बावजूद भी यह ठीक से काम नहीं करती जिसके चलते हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा एमआरआई मशीन को लगाने के लिए नई मशीन की घोषणा थी, जिसका ऑर्डर एक कंपनी को दिया हुआ है।
रोगियों के परिजनों का कहना है कि पहले से ही 2 से 3 माह की डेट एमआरआई करवाने को दी जाती है और जब इतनी दूर से वे आते हैं तो उन्हें यह मालूम पड़ता है कि मशीन खराब हो गई है। नूरपुर से आए एक व्यक्ति, जिसकी माता की एमआरआई करने के लिए डेट दी गई थी और यहां आने पर मालूम पड़ा कि मशीन खराब है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि यदि मशीन खराब हो जाती है तो जिन रोगियों को एमआरआई की डेट दी गई है तो उन्हें मोबाइल द्वारा सूचित किया जाए। उनका कहना है कि कई लोग 100 किलोमीटर दूर से एमआरआई करवाने आते हैं लेकिन जब उन्हें यह मालूम पड़ता है कि मशीन खराब है तो निराश होते हैं। जो लोग पैसे वाले होते हैं वे तो बाहर प्राइवेट अस्पतालों में अपनी एमआरआई करवा लेते हैं किंतु जो लोग इतनी धनराशि खर्च नहीं कर सकते, वे मजबूरन डेट पर डेट लेने को टांडा के चक्कर काटते हैं।
इस संबंध में रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष नरवीर चौहान ने बताया कि मशीन वर्षों पुरानी हो चुकी है तथा अपनी समयावधि भी खत्म कर चुकी है। इस कारण यह बार-बार खराब हो जाती है जिसके लिए नई मशीन का ऑर्डर जून माह में किया है। नई मशीन के आते ही इसकी समस्या दूर की जाएगी।
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