Edited By Vijay, Updated: 05 Dec, 2020 10:16 PM
जोगिंद्रनगर के लडभड़ोल स्थित चुल्ला में ऊहल तृतीय पनविद्युत प्रोजैक्ट के एमडी दिनेश चौधरी को बोर्ड ने सस्पैंड कर दिया है। उन पर ब्यास वैली निगम लिमिटेड द्वारा निर्माणाधीन 100 मैगावाट की ऊहल चरण-3 परियोजना में विद्युत उत्पादन के समय की गई टैस्टिंग...
मंडी (ब्यूरो): जोगिंद्रनगर के लडभड़ोल स्थित चुल्ला में ऊहल तृतीय पनविद्युत प्रोजैक्ट के एमडी दिनेश चौधरी को बोर्ड ने सस्पैंड कर दिया है। उन पर ब्यास वैली निगम लिमिटेड द्वारा निर्माणाधीन 100 मैगावाट की ऊहल चरण-3 परियोजना में विद्युत उत्पादन के समय की गई टैस्टिंग में पैनस्टॉक के फटने की गाज गिरी है। 16 मई की रात को उस समय पैनस्टॉक फ ट गया था जब 33 गुना 33 मैगावाट का दोहन करने वाली एक टरबाइन को शुरू करने के लिए अभी आधा ही प्रैशर डाला गया था लेकिन पैनस्टॉक फट गया, जिससे परियोजना के अंदर काम करने वाले कर्मचारी समय रहते अपनी जान बचाने में कामयाब रहे लेकिन इससे परियोजना को करोड़ों रुपए का नुक्सान पहुंचा। परियोजना स्थल में उस समय करीब 20 कर्मचारी मौजूद थे और पूरा एरिया पानी से लबालब हो गया था।
पैनस्टॉक के फटने की जांच हुई तो जांच कमेटी ने पैनस्टॉक की गुणवत्ता की जांच भी करवाई। उन रिपोर्टों को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन एमडी को सस्पैंड कर दिया गया है। परियोजना के पैनस्टॉक में कुल 3565 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया है। बोर्ड द्वारा भले ही पैनस्टॉक के फ टने का ठीकरा एक अधिकारी के सिर फोड़ा गया है लेकिन यहां कई अनियमितताएं हुई हैं। हालांकि यह स्टील प्रदेश के अन्य 5 पावर प्रोजैक्टों के पैनस्टॉक में भी फट चुकी है और सवाल उस समय भी उठे थे कि जब इस स्टील का परिणाम बोर्ड के सामने था तो फि र यह स्टील इस परियोजना में क्यों लगाई गई।
परियोजना की गुणवत्ता पर इससे पहले भी सवाल उठते रहे हैं कि जो परियोजना 2008 में 432 करोड़ रुपए में पूरी होनी थी, उस पर अब तक 2000 करोड़ रुपए की राशि व्यय हो चुकी है लेकिन अभी भी उत्पादन शुरू नहीं हो सका है। परियोजना के डायरैक्टर सिविल सुशील सागर शर्मा ने पुष्टि की है कि एमडी दिनेश चौधरी को सस्पैंड किया गया है। अब निर्णय लिया गया है कि 935 मीटर पैनस्टॉक को बदला जाएगा ताकि परियोजना को जल्द से जल्द शुरू किया जा सके।