Edited By Vijay, Updated: 19 Aug, 2023 08:51 PM

प्रदेश हाईकोर्ट ने मानव भारती विश्वविद्यालय (एमबीयू) फर्जी डिग्री मामले में दायर किए चालान को पेश करने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन की खंडपीठ ने जांच में सही पाई गई डिग्रियों की सूची भी तलब की है।
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने मानव भारती विश्वविद्यालय (एमबीयू) फर्जी डिग्री मामले में दायर किए चालान को पेश करने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन की खंडपीठ ने जांच में सही पाई गई डिग्रियों की सूची भी तलब की है। मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से फर्जी डिग्री आपराधिक मामले दायर किए गए चालान को पेश करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की गई थी। कोर्ट ने सरकार को इसके लिए सिर्फ एक हफ्ते का समय दिया है। एमबीयू के लगभग 250 छात्रों ने अदालत को पत्र लिख कर अपनी वास्तविक डिग्रियां दिलवाने की गुहार लगाई है। अदालत को बताया गया है कि डिग्रियां न मिलने के कारण उन्हें उच्च शिक्षा के लिए दाखिला भी नहीं मिल पा रहा है।
हाईकोर्ट के निर्देशानुसार निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने मानव भारती विश्वविद्यालय के फर्जी डिग्रियों से संबंधित दस्तावेजों की जांच और उनका सत्यापन करने के लिए कमेटी गठित करने का आदेश दिया था। छात्रों का कहना था कि डिग्रियों का सत्यापन न होने से उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है। विश्वविद्यालय पर फर्जी डिग्रियां बांटने का आरोप है। विशेष जांच टीम मामले की पहले से ही पड़ताल कर रही है। जांच कमेटी गठित होने के बाद सैंकड़ों छात्रों ने अपने प्रमाण पत्रों को जांचने के लिए आवेदन किए हैं।
मानव भारती की ओर से प्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष दाखिल किए गए जवाब में भी यह आग्रह किया गया है कि पुलिस को निर्देश दिए जाएं कि वह इस मामले से संबंधित जांच को जल्द पूरा करे। मामले पर सुनवाई 28 अगस्त को निर्धारित की गई है।
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