Edited By Jyoti M, Updated: 06 Jul, 2025 04:50 PM

दवा नियंत्रण प्रशासन, हिमाचल प्रदेश तथा केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के अधिकारियों द्वारा एक संयुक्त छापेमारी में नकली सक्रिय औषधि घटकों (एपीआईएस) की आपूर्ति करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है।
हिमाचल डेस्क। दवा नियंत्रण प्रशासन, हिमाचल प्रदेश तथा केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के अधिकारियों द्वारा एक संयुक्त छापेमारी में नकली सक्रिय औषधि घटकों (एपीआईएस) की आपूर्ति करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है। विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर निरीक्षण टीम ने सिरमौर जिला के पांवटा साहिब बस स्टैंड के पास स्थित एक परिसर में अचानक छापा मारा। यह परिसर थोक दवा व्यापार के लिए 25 दिसम्बर, 2028 तक वैध लाइसेंस प्राप्त है। यहां से दो प्रकार के एपीआईएस थायोकॉल्चीकोसाइड और एजिथ्रोमाइसिन, जो नकली होने के संदेह में हैं, की बरामदगी की गई।
दवा नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने कहा कि जब्त की गई दवा थायोकॉल्चीकोसाइड, जो आमतौर पर सूजन और मांसपेशियों की ऐंठन में प्रयुक्त होती है। एजिथ्रोमाइसिन, जो एक व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली एंटीबायोटिक है। उक्त दवाओं के लिए संबंधित परिसर का लाइसेंसधारी एवं मालिक कोई खरीद रसीद प्रस्तुत नहीं कर सका, जिसके चलते टीम ने उन्हें हिरासत में लिया गया। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि इन नकली एपीआईएस की आपूर्ति उत्तराखंड से की जा रही थी, जहां से दो और गिरफ्तारियां की गई हैं। मामले की गहन जांच जारी है और आगे और खुलासे होने की संभावना है।
डॉ. कपूर ने कहा कि ऐसे अपराधों पर राज्य सरकार की जीरो टॉलरैंस नीति अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे असामाजिक तत्व जो इस प्रकार के मामलों में लिप्त हैं, वे मानव जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। उनके खिलाफ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में संबंधित लाइसेंसिंग अथॉरिटी एवं औषधि निरीक्षक को जांच को तेजी से आगे बढ़ाने व आवश्यक विधिक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। दवा नियंत्रण प्रशासन हिमाचल प्रदेश नागरिकों को सुरक्षित, प्रभावी और गुणवत्ता युक्त औषधियां उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और इस प्रकार की आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए सीडीएससीओ तथा अन्य राज्य नियामक एजेंसियों के साथ मिलकर कार्य करता रहेगा।