Edited By Vijay, Updated: 31 Dec, 2025 11:47 AM

कहते हैं कि अगर सपनों में जान हो और हौसलों में उड़ान, तो कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता। इसी कथन को सच कर दिखाया है सिरमौर जिला के धारटी धार क्षेत्र के कांडाें कांसर गांव की होनहार बेटी मैत्रेई भारद्वाज ने।
नाहन (आशु): कहते हैं कि अगर सपनों में जान हो और हौसलों में उड़ान, तो कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता। इसी कथन को सच कर दिखाया है सिरमौर जिला के धारटी धार क्षेत्र के कांडाें कांसर गांव की होनहार बेटी मैत्रेई भारद्वाज ने। मैत्रेई ने कड़ी मेहनत के दम पर हिमाचल प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर तहसीलदार का पद हासिल किया है। खास बात यह है कि उन्होंने यह सफलता बिना किसी कोचिंग के, केवल सैल्फ स्टडी के जरिए अपने दूसरे ही प्रयास में प्राप्त की है।
मैत्रेई की सफलता का सफर अनुशासित शिक्षा से शुरू हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डीएवी स्कूल नाहन से और पांचवीं के बाद की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय नाहन से पूरी की। इसके बाद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नाहन से बीएससी की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के साथ-साथ मैत्रेई खेलकूद में भी आगे रहीं। उन्होंने शतरंज और बास्केटबॉल चैंपियनशिप में राष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया है।
मैत्रेई के पिता रमेश भारद्वाज पशु पालन विभाग से सेवानिवृत्त हैं, जबकि माता सुमन भारद्वाज गृहिणी हैं। उनके बड़े भाई सिद्धार्थ भारद्वाज वन विभाग में वनरक्षक के पद पर तैनात हैं। मैत्रेई ने अपनी इस शानदार कामयाबी का श्रेय अपनी कड़ी मेहनत, माता-पिता के त्याग और बड़े बुजुर्गों के आशीर्वाद को दिया है। वह अपनी सफलता में अपने बड़े भाइयों के मार्गदर्शन को भी अहम मानती हैं।
मैत्रेई के तहसीलदार बनने की खबर मिलते ही धारटी धार समेत उनके ननिहाल में भी जश्न का माहौल है। उनकी नानी अपनी नातिन की इस उपलब्धि पर फूली नहीं समा रही हैं। परिजनों और स्थानीय लोगों ने भारद्वाज परिवार को बधाई देते हुए मैत्रेई के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। मैत्रेई ने साबित कर दिया है कि बेटियां किसी से कम नहीं होतीं।