Edited By Vijay, Updated: 14 Oct, 2024 11:53 AM
माता चतुर्भुजा मरोही अपने नए रथ में विराजमान हो गई हैं। जानकारी के अनुसार माता चतुर्भुजा तरौर के पुराने मोहरे व अन्य आभूषण नाजुक हो चुके थे, जिन्हें माता के आदेशों पर मंदिर कमेटी ने भंडार में रख दिया है...
मंडी (रीता): माता चतुर्भुजा मरोही अपने नए रथ में विराजमान हो गई हैं। जानकारी के अनुसार माता चतुर्भुजा तरौर के पुराने मोहरे व अन्य आभूषण नाजुक हो चुके थे, जिन्हें माता के आदेशों पर मंदिर कमेटी ने भंडार में रख दिया है लेकिन माता के पुराने मोहरों की विधिनुसार रोज विधिवत पूजा की जाएगी। माता के नए रथ के मोहरे व अन्य आभूषणों का निर्माण दहल गांव के मिस्त्री सोमदत्त ने किया।
रथ बनाने में लगा डेढ़ महीने का समय
नए रथ व मोहरे बनाने के लिए डेढ़ महीने का समय लगा और इसे चढ़ावे व श्रद्धालुओं के दान से बनाया गया है। नवरात्रों में देवी की कोठी में विधिवत दुर्गा अनुष्ठान का आयोजन किया गया तथा दशहरा पर्व पर माता के रथ की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद माता चतुर्भुजा को मौवी व तरौर के हारुओं द्वारा मौवीसेरी मूल मंदिर मरोही में ले जाया गया। इसी मौके पर श्री देव माहुंनाग भजन मंडली द्वारा भजन-कीर्तन भी आयोजित किया गया। भजन-कीर्तन में मुख्य कलाकार दीनानाथ शर्मा, धनंज्य शर्मा, गौरव शर्मा, नितेश शर्मा, गोलू व जॉनी ने भजन पेश कर दर्शकों काे मंत्रमुग्ध किया।
माता के दरबार में दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
माता चतुर्भुजा के पुजारी चिंतराम व नारद राम ने बताया कि देवी चतुर्भुजा 18 ब्याधियों की भंडारी हैं और दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मन्नत को लेकर व मन्नत पूरी होने पर माता के दरबार में हाजिरी लगाते हैं। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मंदिर कमेटी के खजांची रजनीश शर्मा व अन्य कमेटी सदस्यों ने इस मौके पर सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया।
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