Edited By Vijay, Updated: 30 Jul, 2025 06:50 PM

अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरे की तैयारियों के बीच भगवान रघुनाथ के रथ को इस बार नया रूप मिलने जा रहा है। करीब 15 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद भगवान के रथ के लिए नए वस्त्र तैयार किए जा रहे हैं।
कुल्लू (दिलीप): अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरे की तैयारियों के बीच भगवान रघुनाथ के रथ को इस बार नया रूप मिलने जा रहा है। करीब 15 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद भगवान के रथ के लिए नए वस्त्र तैयार किए जा रहे हैं। बुधवार को मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह की अगुवाई में विधिवत पूजा-अर्चना के साथ इस पारंपरिक कार्य की शुरूआत हुई। यह कार्य अगले एक महीने तक चलेगा और कारीगर लगभग 200 मीटर कपड़े से रथ के लिए रंग-बिरंगे वस्त्र तैयार करेंगे। खास बात यह है कि इन वस्त्रों में भगवान रघुनाथ के प्रिय रंगों (हरा, लाल, पीला, सफेद और नीला) का चयन किया गया है।

मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि परंपरा के अनुसार हर 12 से 15 वर्षों में भगवान रघुनाथ के रथ के वस्त्र बदले जाते हैं। इस बार रथ के वस्त्रों का रंग कुछ फीका पड़ गया था, इसलिए यह निर्णय लिया गया कि दशहरा उत्सव से पहले नए वस्त्रों से भगवान का रथ सुसज्जित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्य की शुरूआत विधिवत पूजा-अर्चना के बाद की गई है, ताकि परंपरा और आस्था दोनों का समुचित निर्वहन हो। दशहरा उत्सव में यह रथ आकर्षण का केंद्र रहेगा, जिसमें भगवान रघुनाथ की आराधना के साथ-साथ कारीगरों की पारंपरिक कला भी झलकेगी।
भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि शुभ मुहूर्त में वस्त्र निर्माण का कार्य शुरू किया गया है। ये वस्त्र न केवल रंगीन होंगे, बल्कि इनमें पारंपरिक बुनाई और सजावट का विशेष ध्यान रखा जाएगा। रथ निर्माण से जुड़े कारीगर मोहर सिंह ठाकुर ने बताया कि पुराने वस्त्र अब रंग खो चुके हैं और समय की मार से कुछ जगहों पर क्षतिग्रस्त भी हो गए थे, ऐसे में रथ की गरिमा बनाए रखने के लिए नए वस्त्रों की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि यह कार्य सिर्फ सिलाई और सजावट का नहीं, बल्कि श्रद्धा और सेवा का प्रतीक है। इस अवसर पर भगवान रघुनाथ मंदिर में विशेष भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने खीर का प्रसाद ग्रहण किया।