Edited By Vijay, Updated: 08 Feb, 2024 11:19 PM
झाड़माजरी उद्योग अग्निकांड मामले में लापता 5 कामगारों का अभी भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। एसडीआरएफ व एनडीआरएफ का सर्च ऑप्रेशन भी अब बंद है। परिजनों को अब भी उम्मीद है कि उनके बच्चों को ढूंढ लिया जाएगा।
झाड़माजरी/बीबीएन (ठाकुर): झाड़माजरी उद्योग अग्निकांड मामले में लापता 5 कामगारों का अभी भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। एसडीआरएफ व एनडीआरएफ का सर्च ऑप्रेशन भी अब बंद है। परिजनों को अब भी उम्मीद है कि उनके बच्चों को ढूंढ लिया जाएगा। परिजन हादसे के 7वें दिन बाद भी अपनों को बाहर निकाले जाने का इंतजार करते रहे। वीरवार को भी केंद्रीय फाेरैंसिक टीम ने फिर साक्ष्य जुटाए। दोपहर के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सोलिड वेस्ट मैनेजमैंट की टीम ने उद्योग परिसर के अंदर और बाहर पड़े कैमिकल से भरे ड्रमों को उठाया। आग बुझ चुकी है और अब भवन को खाली किया जाएगा। परिसर खाली करने के बाद इसका स्ट्रक्चर गिराया जाएगा। उसके बाद सर्च ऑप्रेशन चलाकर लापता लोगों को खोजा जाएगा।
दोनों आरोपी न्यायिक हिरासत में भेजे
उद्योग के प्लांट हैड चंद्रशेखर और विनोद विल्वा को वीरवार को नालागढ़ अदालत में पेश किया गया। वह बीते 4 दिनों से पुलिस रिमांड पर थे। वीरवार को उनका रिमांड खत्म होने के बाद पुलिस ने दोबारा अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। डीएसपी खजाना राम ने इसकी पुष्टि की है।
उद्योग मालिक हुए भूमिगत
पुलिस के हाथ में अब भी उद्योग के मालिक नहीं लगे हैं। तीनों मालिक भूमिगत हो गए हैं। पुलिस हिमाचल और मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में उन्हें ढूंढने का प्रयास कर रही है। फरार चल रहे तीनों आरोपितों के खिलाफ अदालत से गैर-जमानती वारंट जारी किए गए हैं। आरोपियों में नितेश पटेल, सिद्धार्थ पटेल और मिलन पटेल शामिल हैं, जो हादसे के बाद से ही लगातार फरार चल रहे हैं। प्रदेश पुलिस की एक टीम 2 फरवरी को ही मध्य प्रदेश के लिए निकल गई थी।
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