Edited By Vijay, Updated: 16 Feb, 2022 10:09 PM

मंदिर न्यास ज्वालामुखी की भूमि को छुड़वाने के लिए मंदिर न्यास ज्वालामुखी के सदस्यों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है ताकि मंदिर न्यास ज्वालामुखी की भूमि को वापस मंदिर के कब्जे में लिया जा सके।
ज्वालामुखी (कौशिक): मंदिर न्यास ज्वालामुखी की भूमि को छुड़वाने के लिए मंदिर न्यास ज्वालामुखी के सदस्यों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है ताकि मंदिर न्यास ज्वालामुखी की भूमि को वापस मंदिर के कब्जे में लिया जा सके। मंदिर न्यास ज्वालामुखी के सदस्य जेपी दत्त ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व कांग्रेसी शासन काल में मंदिर न्यास ज्वालामुखी की लगभग 22 कनाल भूमि का तबादला स्वास्थ्य विभाग की लगभग 18 कनाल भूमि से किया गया था।
मंदिर न्यास ज्वालामुखी की 22 कनाल भूमि स्वास्थ्य विभाग को मिली थी और स्वास्थ्य विभाग की लगभग 18 कनाल भूमि मंदिर न्यास ज्वालामुखी को मिली थी। मंदिर न्यास को जो भूमि ज्वालामुखी बस अड्डे के पास मिली थी, उस पर लगभग 10 कनाल भूमि पर निर्माण कार्य कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ भूमि का हिस्सा राजस्व विभाग के नाम हो गया है और कुछ भूमि का हिस्सा शिक्षा विभाग तो कुछ भूमि का हिस्सा रिजर्व रखा गया है ताकि निकट भविष्य में यदि कोई कार्यालय यहां आएगा तो उसके लिए जगह रखी गई है।
मंदिर न्यास ज्वालामुखी के सदस्य जेपी दत्त ने तर्क देते हुए कहा कि जब 23 कनाल भूमि मंदिर की स्वास्थ्य विभाग के नाम की गई तो बदले में मिली 18 कनाल भूमि को क्यों यहां वहां बांट दिया गया जबकि वह भूमि मंदिर न्यास ज्वालामुखी के स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के हित में इस्तेमाल की जानी चाहिए थी। उनका कहना है कि यह जो भूमि का आबंटन किया गया है इसको गैर जिम्मेदाराना बताते हुए न्याश सदस्य हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में न्याय के लिए गुहार लगाने जा रहे हैं ताकि मंदिर की भूमि वापस मंदिर के नाम की जाए और मंदिर के हित में यात्रियों की सुविधाओं के लिए इस भूमि का उपयोग किया जा सके।
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