राजदेवता माधोराय की शाही जलेब के साथ अंतर्राष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि महोत्सव शुरू

Edited By Vijay, Updated: 19 Feb, 2023 06:17 PM

international mandi shivratri festival begins

राजदेवता माधोराय की शाही जलेब के साथ रविवार को अंतर्राष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि महोत्सव-2023 का आगाज धूमधाम से हुआ। प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद मेले का शुभारंभ करने के बहाने सुखविंदर सिंह सुक्खू पहली बार मंडी शहर में पधारे।

मंडी (रजनीश): राजदेवता माधोराय की शाही जलेब के साथ रविवार को अंतर्राष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि महोत्सव-2023 का आगाज धूमधाम से हुआ। प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद मेले का शुभारंभ करने के बहाने सुखविंदर सिंह सुक्खू पहली बार मंडी शहर में पधारे। मुख्यमंत्री ने राजदेवता माधोराय के मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद रियासतकाल से निकलने वाली इस शाही जलेब में शिरकत की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पड्डल मैदान में ध्वजारोहण कर एक सप्ताह तक चलने वालने मेले का विधिवत शुभारंभ किया। 
PunjabKesari

इस बार की जलेब की विशेषता यह रही कि इसमें हिमाचली व मंडयाली संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाले सांस्कृतिक दलों ने अपने-अपने क्षेत्र के परंपरागत पहनावे के साथ झूमते-नाचते प्रतिनिधित्व किया। बालीचौकी क्षेत्र के दल द्वारा मशहूर फागली नृत्य के अलावा मुखैाटा नृत्य, महिलाओं की नाटी के साथ-साथ मंडी का नागरीय नृत्य की झलक भी जलेब में देखने को मिली। इसके अलावा प्रजापिता ब्रह्मकुमारी संस्था की ओर से शिवरात्रि को लेकर विशेष झांकी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की झांकी भी जलेब में शामिल की गई, जिसमें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम का प्रचार किया गया। माधोराय की जलेब में सबसे आगे पुलिस के घुड़सवार, पुलिस और होमगार्ड बैंड, पुलिस के जवान, महिला पुलिस, होमगार्ड्स, पूर्व सैनिक लीग की टुकड़ियों के साथ-साथ सांस्कृतिक छटा बिखेरते सांस्कृतिक दलों ने शिरकत की।
PunjabKesari

शिवरात्रि महोत्सव के दौरान निकलने वाली माधोराय की जलेब में बालीचौकी क्षेत्र के देवता छानणू-झमाहूं की जोड़ी ढोल-नगाड़ों की लय पर झूमते हुए सबसे आगे चल रही थी। इसके पश्चात देव कोटलू नारायण, देव सरोली मार्कंडेय, देव शैटी नाग, देवी डाहर की अंबिका, देव विष्णू मतलोड़ा, देव मगरू महादेव, देव चपलांदू नाग, श्रीदेव बायला नारायण, देव बिटठु नारायण, देव लक्ष्मीनारायण पखरोल, चौहारघाटी के देव हुरंग नारायण, देव घड़ौनी नारायण, देव पशाकोट नारायण, देव पेखरू का गहरी, देव चुंजवाला शिव, देव तुंगासी ब्रम्हा, देवी सरस्वती महामाया, देवी नाऊ अंबिका के बाद राज माधव की चांदी की कुर्सी और उसके पीछे राजदेवता की पालकी चल रही थी जबकि राजदेवता माधोराय की पालकी के पीछे देव शुकदेव डगाहंढु, देव शुकदेव मड़घयाल, देव जलौणी गणपति, देव शेषनाग टेपर, देव झाथीवीर और देव टूंडीवीर शामिल रहे।

हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!