Edited By Jyoti M, Updated: 14 Jul, 2025 12:08 PM

एच.आर.टी.सी. चालक-परिचालकों को डेढ़ साल से वर्दी नहीं मिली है। प्रदेश भर में निगम की बसों में सेवाएं दे रहे चालक-परिचालक डेढ़ साल पहले मिली वर्दी में ही सेवाएं दे रहे हैं। वर्दी दिए जाने को लेकर कई बार परिचालक यूनियन निगम प्रबंधन से मिल चुकी है,...
शिमला, (राजेश): एच.आर.टी.सी. चालक-परिचालकों को डेढ़ साल से वर्दी नहीं मिली है। प्रदेश भर में निगम की बसों में सेवाएं दे रहे चालक-परिचालक डेढ़ साल पहले मिली वर्दी में ही सेवाएं दे रहे हैं। वर्दी दिए जाने को लेकर कई बार परिचालक यूनियन निगम प्रबंधन से मिल चुकी है, लेकिन अभी तक चालक-परिचालकों को वर्दी दिए जाने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है।
निगम चालक-परिचालकों को साल में 2 बार वर्दी मिलती है, लेकिन लगातार बसों में सेवाएं देने के चलते कई चालक परिचालकों की एक वर्दी फट गई है और एक वर्दी के साथ ही सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में चालक-परिचालक ड्यूटी से ऑफ होने के बाद वर्दी धो रहे हैं और सुबह फिर वही वर्दी ड्यूटी पर पहन रहे हैं।
वहीं चालक-परिचालक बरसात में वर्दी जल्दी न सूखने के कारण व अन्य किसी कारण से नहीं पहन पा रहे हैं तो निगम इंस्पैक्टर निरीक्षण के दौरान 1,500 रुपए तक चालान कर रहे हैं। ऐसे में चालक-परिचालकों को यूनियन को निगम प्रबंधन के खिलाफ भारी रोष है। चालक-परिचालकों का कहना है कि एक ओर निगम प्रबंधन स्वयं ही वर्दी देने में देरी कर रहा है तथा दूसरी ओर निरीक्षण के दौरान चालान काट रहे हैं। ऐसे में चालक-परिचालक अपनी जेब से क्यों चालान भरें, जबकि वर्दी प्रबंधन द्वारा ही दी जाती है।
जब तक वर्दी नहीं दी जाती, चालानों पर रोक लगाए प्रबंधन : यूनियन
प्रदेश भर में चालक-परिचालकों के वर्दी न पहनने पर किए जा रहे चालान पर हिमाचल पथ परिवहन निगम परिचालक यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष प्रीत महेंद्र व महासचिव दिपेंद्र कंवर ने कहा कि डेढ़ साल से चालक-परिचालक वर्दी मिलने का इंतजार कर रहे हैं और वर्दी न पहनने वालों के चालान काटे जा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि प्रबंधन जब तक वर्दी नहीं देता है, तब तक चालानों पर रोक लगाई जाए। यदि प्रबंधन वर्दी नहीं दे सकता है तो चालक-परिचालकों को राशि जारी करे और वह स्वयं वर्दी खरीद सकें।