Edited By Vijay, Updated: 25 Aug, 2023 11:44 PM

आपदा से हुए नुक्सान की भरपाई तथा केंद्र से सहायता लेने के लिए हिमाचल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को 6746.93 करोड़ रुपए का ज्ञापन भेजा है। यह ज्ञापन 10 अगस्त, 2023 को भेजा गया है।
शिमला (भूपिन्द्र): आपदा से हुए नुक्सान की भरपाई तथा केंद्र से सहायता लेने के लिए हिमाचल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को 6746.93 करोड़ रुपए का ज्ञापन भेजा है। यह ज्ञापन 10 अगस्त, 2023 को भेजा गया है। इसके अलावा आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरएफ) से आपदा के बाद की जरूरतों का आकलन करने में राज्य की सहायता का भी आग्रह किया है, ताकि पुनर्निर्माण और पुनर्वास गतिविधियों के लिए केंद्र सरकार से सहायता मांगी जा सके। यह बात मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शुक्रवार को शिमला में हिमाचल प्रदेश राज्य कार्यकारी समिति (एसईसी) की 20वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से राज्य की संवेदनशीलता का सघन आकलन किया जाना चाहिए और बाढ़ सुरक्षा, भूस्खलन, भूकंप और अन्य संवेदनशील स्थितियों के लिए एक स्थायी वैज्ञानिक योजना की तलाश की जानी चाहिए।
आपदा की स्थिति में पुलिस बल को आगे आकर करनी होती है कार्रवाई
मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति में पुलिस बल को आगे आकर कार्रवाई करनी होती है, ऐसे में इन बलों को त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए भी प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है। मुख्य सचिव ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को सुदृढ़ करने और इसे अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी, औजारों एवं उपकरणों से सुसज्जित करने तथा सभी शहरी स्थानीय निकायों द्वारा आदर्श भवन नियम अपनाने तथा इनके सख्ती से कार्यान्वयन पर भी बल दिया। बैठक में पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू और वित्तीय आयुक्त राजस्व ओंकार चंद शर्मा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इन विषयों पर हुई चर्चा
बैठक में आपदा संभावित क्षेत्रों की संवेदनशीलता की जांच करने और नुक्सान को कम करने के लिए किए जाने वाले उपायों संबंधी योजनाओं, आपदा की स्थिति में जान-माल के जोखिम को कम करने के लिए त्वरित सामूहिक प्रतिक्रिया को सुदृढ़ करने तथा चयनित नाजुक भवनों, स्कूलों और सामुदायिक स्वास्थ्य संस्थानों की भूकंप रेट्रोफि टिंग व इसके लिए कुछेक जिलों में पायलट आधार पर परियोजना शुरू करने पर भी चर्चा की। इसके अलावा बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित निर्माण, बड़ी परियोजनाओं के मूल्यांकन तथा सुरक्षित निर्माण उपायों को प्रोत्साहित करने के दृष्टिगत सुरक्षा प्रकोष्ठ स्थापित करने, नदी-नालों और उच्च ढलानों के समीप निर्माण को विनियमित करने, राज्य आपदा प्रबंधन एवं क्षमता निर्माण संस्थान की स्थापना, राष्ट्रीय आपदा मुख्यालय और क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्रों की स्थापना की प्रक्रिया में तेजी लाने तथा गृह मंत्रालय के मानदंडों के अनुसार राज्य में प्रतिक्रिया बल और एनडीआरएफ की तैनाती पर भी चर्चा की गई।
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