Edited By Vijay, Updated: 18 Jun, 2025 01:08 PM

हिमाचल प्रदेश में शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर अब सख्ती से शिकंजा कसा जाएगा। प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक तिवारी ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में स्पष्ट और कड़े निर्देश जारी किए हैं।
शिमला (राक्टा): हिमाचल प्रदेश में शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर अब सख्ती से शिकंजा कसा जाएगा। प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक तिवारी ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में स्पष्ट और कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बनी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का सख्ती से पालन किया जाए।
जानें नए प्रावधान और नियम
बिना वारंट गिरफ्तारी: यदि कोई चालक शराब पीकर वाहन चलाता पाया जाता है और ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होती है, तो वर्दीधारी पुलिस अधिकारी मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 185 के तहत अपराध करने वाले ऐसे चालक को बिना वारंट के तुरंत गिरफ्तार कर सकता है।
2 घंटे के भीतर मेडिकल: गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी के लिए यह अनिवार्य होगा कि वह गिरफ्तार व्यक्ति को 2 घंटे के भीतर किसी पंजीकृत चिकित्सक के समक्ष पेश कर उसका मेडिकल करवाए।
रिहाई का प्रावधान: यदि पुलिस अधिकारी 2 घंटे के भीतर गिरफ्तार व्यक्ति का मेडिकल नहीं करवा पाता है, तो उल्लंघनकर्ता को जमानत और बांड प्रस्तुत करने पर हिरासत से रिहा कर दिया जाएगा।
दैनिक रिपोर्टिंग: डीजीपी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों में की गई सभी गिरफ्तारियों की जानकारी दैनिक डीएसआई (डेली सिच्यूएशन रिपाेर्ट) के माध्यम से कार्यालय को भेजी जाए।
नाम और पता न बताने पर गिरफ्तारी: मोटर वाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं का उल्लेख करते हुए डीजीपी ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई चालक अपना नाम और पता बताने से इनकार करता है, तो उसे भी गिरफ्तार करने का प्रावधान है।
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