सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक रुकमणि कुंड के लिए जल्द बनेगा मास्टर प्लान

Edited By Ekta, Updated: 15 Jun, 2019 01:16 PM

historic rukmani kund

बिलासपुर के उपमंडल झंडूता की ग्राम पंचायत जांगला की सीमा पर स्थित प्रदेशभर के लाखों लोगों की श्रद्धा और आस्था के प्रतीक स्वरूप सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक रुकमणि कुंड की दशा जल्द सुधारेगी। उपमंडल झंडूता में प्रदेश सरकार द्वारा आई.पी.एच. विभाग के अधिशासी...

गेहड़वीं (ब्यूरो): बिलासपुर के उपमंडल झंडूता की ग्राम पंचायत जांगला की सीमा पर स्थित प्रदेशभर के लाखों लोगों की श्रद्धा और आस्था के प्रतीक स्वरूप सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक रुकमणि कुंड की दशा जल्द सुधारेगी। उपमंडल झंडूता में प्रदेश सरकार द्वारा आई.पी.एच. विभाग के अधिशासी अभियंता का पद 1 जून को सृजित होते ही विभाग के अधिशासी अभियंता शुक्रवार को अपने सभी अधीनस्थ अधिकारियों सहित रुक्मणि कुंड का जायजा लेने कुंड परिसर पहुंचे। विभाग के अधिशासी अभियंता देवराज चौहान ने इस कुंड में लोगों को आस्था के नाम पर डुबकी लगाते हुए देखा तथा मनचलों द्वारा कुंड में तैराकी के दौरान तोड़ी गई विभाग की पाइपों का भी जायजा लिया। 
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इस दौरान उन्होंने बताया कि रुकमणी कुंड को लेकर मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इस मौके पर सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् हुक्म सिंह ठाकुर, सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक श्यामलाल वशिष्ठ, पर्यटन विभाग से सेवानिवृत्त अवतार सिंह चंदेल, वैद्य देवांश चंदेल, किशोरी लाल शास्त्री, आई.पी.एच. विभाग झंडूता के सहायक अभियंता सुरेंद्र ठाकुर, गेहड़वीं स्थित अनुभाग के कनिष्ठ अभियंता ओंकार चंद ठाकुर, वृत्त पर्यवेक्षक राजेश कुमार, रुक्मणी कुंड उठाऊ पेयजल योजना पर तैनात पंप आप्रेटर भूपेंद्र सिंह चंदेल तथा सुनील कुमार, आचार्य सुभाष शर्मा आदि मौजूद रहे।

होगा स्नानागारों का निर्माण

अधिशासी अभियंता ने बताया कि इसमें सबसे पहले लोगों को आस्था की डुबकी लगाने हेतु निर्माणाधीन पुल के समीप दो विशाल स्नानागारों का निर्माण किया जाएगा ताकि प्रदेशभर के विभिन्न जिलों से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। दूसरे पेयजल कुंड में स्नान करने वालों पर नकेल कसने हेतु कंदरौर पुल की तर्ज पर अत्याधुनिक तकनीक से युक्त बाड़बंदी की जाएगी ताकि रुकमणि कुंड की पवित्रता बरकरार बनी रहे तथा इससे लाभान्वित लोग इस अक्षय स्रोत से शुद्ध पेयजल पी सकें। उल्लेखनीय है कि विभाग ने रुक्मणि कुंड के गर्भगृह से स्वच्छ पेयजल हेतु 4 इंच की दो पाइपें कुंड के किनारे से होती हुई डाल रखी हैं जिन्हें कि कुंड में प्रतिदिन दर्जनों मनचले युवा आए दिन कुंड में तैराकी के दौरान तोड़ देते हैं। कर्मचारियों को 25 से 30 फीट गहरे कुंड में जान जोखिम में डालकर इन 4 इंच की पाइपों को जोड़ना पड़ता है।

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