Himachal: क्या ऐसे बनेगा देश का भविष्य? जब खतरे के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं नौनिहाल

Edited By Jyoti M, Updated: 04 Jan, 2025 12:53 PM

himachal will the future of the country be built like this

नगरोटा बगवां शिक्षा खंड के मलां स्थित प्राइमरी स्कूल में इन दिनों बच्चों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर गंभीर समस्या सामने आ रही है। यहां नर्सरी से लेकर पांचवीं तक के छोटे बच्चे हर रोज़ खतरनाक स्थिति में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। स्कूल की स्थिति इतनी...

हिमाचल डेस्क। नगरोटा बगवां शिक्षा खंड के मलां स्थित प्राइमरी स्कूल में इन दिनों बच्चों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर गंभीर समस्या सामने आ रही है। यहां नर्सरी से लेकर पांचवीं तक के छोटे बच्चे हर रोज़ खतरनाक स्थिति में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। स्कूल की स्थिति इतनी खराब है कि बच्चों को फोरलेन सड़क के पास, बिना चारदीवारी, बिना शौचालय, और निर्माण कार्य के बीच में पढ़ाई करनी पड़ रही है।

ऐसा कतई नहीं कि पूरी तरह फोरलेन की जद में आकर धूमिल हो चुके स्कूल के प्रांगण में बिना चार दिवारी, बिना रिटेनिंग वाल, बिना शौचालय, हजारों छोटे-बड़े वाहनों से व्यस्त उच्च मार्ग के मुहाने पर बैठकर छह घंटे पढ़ाई करने वाले बच्चों पर सरकारी नुमाइंदों या जिम्मेदार अधिकारियों की निगाह न पड़ी हो।

स्कूल की स्थिति और प्रशासन की अनदेखी

यह स्कूल फोरलेन सड़क की जद में आ चुका है, और पिछले कुछ महीनों से इसका अस्तित्व खतरे में है। जून महीने में फोरलेन का काम शुरू होने से स्कूल का बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया। इसके बाद से बच्चों के लिए पुराने और जर्जर कमरे में पढ़ाई चल रही है, और स्कूल प्रबंधन ने कई बार प्रशासन से इसकी शिकायत की है। बावजूद इसके, कोई भी अधिकारी इस स्थिति को सुधारने के लिए आगे नहीं आया।

स्कूल के प्रबंधन और स्थानीय निकाय ने कई बार अधिकारियों से मदद की मांग की है, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। स्कूल की हालत इतनी खराब हो गई है कि बच्चों को सर्दी में खुले मैदान में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है, जबकि चारदीवारी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं।

तिजौरी गर्म कर रहे 15 लाख

सरकार के शिक्षा विभाग ने उक्त स्कूल को वर्ष 2023 में ज्ञानोदय उत्कृष्ट विद्यालय का दर्जा भी दिया है, जहां इन दिनों बच्चों को शौचालय सहित पढ़ाई के लिए बैठने तक का स्थान नहीं। दर्जे के मुताबिक स्कूल को बच्चों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए मिली 15 लाख की राशि आज भी विभाग की तिजौरी को गर्म कर रही है, जिसको कब कहां खर्च करना है, कोई नहीं जानता।

अभिभावकों और स्थानीय लोगों की चिंता

स्कूल के अभिभावकों और आसपास के लोगों ने इस समस्या पर गंभीर चिंता जताई है। उनका कहना है कि बच्चों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर सरकार और प्रशासन की तरफ से पूरी तरह से उदासीनता दिखाई जा रही है।

स्कूल का महत्व और बढ़ती छात्र संख्या

यह स्कूल नगरोटा बगवां शिक्षा खंड का एक उत्कृष्ट विद्यालय है, और यहां छात्रों की संख्या भी अन्य स्कूलों से कहीं अधिक है। नर्सरी की कक्षा भी चल रही है, जिससे यह स्कूल और भी महत्वपूर्ण बन जाता है। इसके बावजूद, बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।


 

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