Edited By Jyoti M, Updated: 17 Sep, 2024 10:29 AM
हिमाचल प्रदेश में बारिश के बाद भूस्खलनों ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर कुमारहट्टी-सोलन बाईपास पर 35 फीट ऊंचा डंगा भरभरा कर गिर गया।
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में बारिश के बाद भूस्खलनों ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर कुमारहट्टी-सोलन बाईपास पर 35 फीट ऊंचा डंगा भरभरा कर गिर गया। इसके साथ ही पहाड़ी से पत्थर और मलबा सड़क पर आ गिरा, जिससे एक लेन पूरी तरह बंद हो गई।
धूल की वजह से खतरे को देखते हुए 15 मिनट तक दोनों ओर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगानी पड़ी। इसी तरह, जिला सिरमौर की उपतहसील पझौता के दुर्गम क्षेत्र टालीभुज्जल पंचायत के नौहरा खड्ड में भारी भूस्खलन हुआ। इस भूस्खलन में एक रिहायशी दो मंजिला मकान और तीन वाहन मलबे की चपेट में आ गए। इन घटनाओं के कारण कुछ समय के लिए यातायात प्रभावित हुआ है। प्रदेशभर में अभी भी बारिश और भूस्खलन से बंद 53 सड़कों पर आवाजाही बहाल नहीं हो पाई है।
मौसम का पूर्वानुमान और मानसून की विदाई
शिमला और प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में सोमवार को मौसम साफ रहा, जिससे अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री की वृद्धि हुई। मौसम विभाग ने मंगलवार को भी साफ मौसम की उम्मीद जताई है। 18 सितंबर को कई क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है और 19 से 22 सितंबर तक हल्की बारिश की संभावना है। इस माह के अंत तक दक्षिण पश्चिम मानसून के विदा होने की संभावना है। पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश और चोटियों पर बर्फबारी के चलते ठंडक में कुछ कमी आई है।
लाहौल की चोटियों पर बर्फबारी
कुल्लू और लाहौल की चोटियां रविवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक बर्फ से ढक गई हैं। ठंडक बढ़ने के साथ, रोहतांग दर्रा, सेवन सिस्टर पीक, हनुमान टिब्बा, सीबी रेंज की चोटियों और मनाली-लेह मार्ग के शिंकुला, कुंजम दर्रा जैसी ऊंची चोटियों पर रुक-रुक कर बर्फबारी हो रही है। 12,000 फीट से अधिक ऊंची चोटियों पर यह बर्फबारी ठंड को और बढ़ा रही है।