Himachal Weather: फिर बदलेगा मौसम, तीन मार्च से सक्रिय होगा पश्चिमी विक्षोभ

Edited By Jyoti M, Updated: 02 Mar, 2025 10:41 AM

himachal weather weather will change again

हिमाचल प्रदेश में मौसम का हाल इन दिनों लगातार बदल रहा है, और अब आगामी दिनों में और भी ज्यादा बदलाव का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में तीन मार्च से पश्चिमी विक्षोभ एक बार फिर सक्रिय हो रहा है, जिससे अगले कुछ दिनों में हल्की...

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में मौसम का हाल इन दिनों लगातार बदल रहा है, और अब आगामी दिनों में और भी ज्यादा बदलाव का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में तीन मार्च से पश्चिमी विक्षोभ एक बार फिर सक्रिय हो रहा है, जिससे अगले कुछ दिनों में हल्की वर्षा और हिमपात की संभावना जताई जा रही है।

खासकर चार और पांच मार्च को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारी हिमपात और वर्षा की चेतावनी दी गई है। पिछले तीन दिनों से हो रही वर्षा और हिमपात के बाद शनिवार को प्रदेश के कुछ हिस्सों में धूप भी खिली, जिससे मौसम में थोड़ी राहत मिली। हालांकि, मंडी जिले के सराज में ओलावृष्टि व मंडी शहर व शिमला में हल्की बूंदाबांदी हुई। 

मौसम के कारण प्रदेश की स्थिति कुछ कठिन बनी हुई है। फिलहाल, प्रदेश में 480 सड़कें बंद हैं, जिसमें चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं। इसके साथ ही 2001 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं, जिससे बिजली आपूर्ति में भी बाधा आई है। इन घटनाओं के कारण कई स्थानों पर जनजीवन प्रभावित हुआ है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से धूप और बादलों के बीच अधिकतम तापमान में आठ से 13 डिग्री तक वृद्धि दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा तापमान वृद्धि भुंतर में 13.4 डिग्री, मंडी में 9.9 डिग्री और अन्य स्थानों पर पांच से आठ डिग्री के बीच रही है।

किन्नौर जिला में भी स्थिति गंभीर रही है, जहां भारी हिमपात के बाद भूस्खलन और ग्लेशियर गिरने के कारण संपर्क मार्ग और मोबाइल नेटवर्क सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो गए हैं। निगुलसरी के पास पुराने स्लाइडिंग प्वाइंट और टापरी के निकट पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण शिमला-रिकांगपिओ राष्ट्रीय राजमार्ग पांच शनिवार को बाधित रहा। इसके बावजूद, पोवारी से पूह तक राष्ट्रीय राजमार्ग स्पीलो तक बहाल किया गया है।

जिला चंबा के पांगी में हिमपात के कारण नायब तहसीलदार के आवास सहित 12 मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों को भारी नुकसान हुआ है। इन सभी घटनाओं ने प्रशासन के लिए चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं, और राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं। प्रदेश सरकार ने राहत के उपायों की शुरुआत कर दी है और प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

हिमस्खलन से बढ़ी चिंता

लाहुल व मनाली घाटी 27 फरवरी की रात से अंधेरे में है। भारी हिमपात से मनाली के नेहरूकुंड व सोलंगनाला से धुंधी के बीच जबकि लाहुल की समस्त घाटी में हिमस्खलन की आशंका बनी हुई है। कुछ जगह हिमस्खलन भी हुए हैं। कुछ जगह थोड़ी देर के लिए भागा सहित चंद्रभागा नदी का बहाव भी रुका, लेकिन कुछ देर बाद हालात सामान्य हो गए।

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