Edited By Jyoti M, Updated: 19 Dec, 2025 11:14 AM

शिमला पुलिस की विशेष टीम ने 'चिट्टे' के नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए तीन ऐसे युवकों को सलाखों के पीछे पहुँचाया है, जो उत्तराखंड और नेपाल से आकर हिमाचल की वादियों में जहर घोल रहे थे।
हिमाचल डेस्क। शिमला पुलिस की विशेष टीम ने 'चिट्टे' के नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए तीन ऐसे युवकों को सलाखों के पीछे पहुँचाया है, जो उत्तराखंड और नेपाल से आकर हिमाचल की वादियों में जहर घोल रहे थे।
क्या है पूरा मामला?
नशे की जड़ें काटने के लिए शिमला पुलिस इन दिनों जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। इसी कड़ी में रोहड़ू डिटेक्शन सेल को एक गुप्त सूचना मिली कि भगोली नाला के समीप कुछ संदिग्ध गतिविधियाँ चल रही हैं। पुलिस ने बिना समय गंवाए जाल बिछाया और घेराबंदी कर तीन संदिग्धों को धर दबोचा। जब इनकी तलाशी ली गई, तो इनके पास से 13.025 ग्राम चिट्टा (हेरोइन) बरामद हुआ।
बाहरी राज्यों से जुड़े हैं तार
पकड़े गए आरोपियों का प्रोफाइल चौंकाने वाला है। ये तीनों बाहरी क्षेत्रों से आकर जुब्बल के अलग-अलग हिस्सों में किराए के कमरों में रह रहे थे और वहीं से अपना काला कारोबार चला रहे थे:
पारस (22): विकासनगर, देहरादून (उत्तराखंड) का निवासी, जो वर्तमान में जुब्बल में ही डेरा जमाए हुए था।
मोहम्मद साकिब (23): यह भी विकासनगर, देहरादून का रहने वाला है और सवाड़ा इलाके में सक्रिय था।
दीपक कुमार (31): मूल रूप से नेपाल का रहने वाला यह व्यक्ति पांगला पुल के पास किराए पर रहकर सप्लाई चेन का हिस्सा बना हुआ था।
स्थानीय युवाओं को बना रहे थे निशाना
पुलिस की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि ये तीनों आरोपी लंबे समय से जुब्बल, कुद्दू और सवाड़ा के इलाकों में सक्रिय थे। इनका मुख्य लक्ष्य स्थानीय कॉलेज जाने वाले और बेरोजगार युवाओं को नशे की लत लगाकर अपना नेटवर्क फैलाना था। पुलिस अब इस बात की गहराई से तफ्तीश कर रही है कि इस खेप का मुख्य स्रोत (Main Supplier) कौन है और क्या इसके पीछे कोई अंतरराज्यीय गिरोह काम कर रहा है।
सख्त कार्रवाई की चेतावनी
जुब्बल थाना में आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान अभी थमेगा नहीं। किराए के मकानों में रहने वाले बाहरी व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही है और नशे के कारोबार में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।