Edited By Jyoti M, Updated: 19 Dec, 2024 12:45 PM
हिमाचल प्रदेश में हाल ही में एक मुर्गा प्रकरण ने सियासी हलचल मचा दी है। मामले में धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा समेत 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। इन व्यक्तियों में कुछ मीडिया कर्मी भी शामिल हैं। विपक्षी दल ने इस एफआईआर को लेकर सरकार पर...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में हाल ही में एक मुर्गा प्रकरण ने सियासी हलचल मचा दी है। मामले में धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा समेत 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। इन व्यक्तियों में कुछ मीडिया कर्मी भी शामिल हैं। विपक्षी दल ने इस एफआईआर को लेकर सरकार पर निशाना साधा और इस कार्रवाई को शर्मनाक बताया।
इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अगुवाई में भाजपा विधायकों ने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान भाजपा विधायकों ने मुर्गे की तस्वीर वाले पोस्टर भी दिखाए। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस मामले को लेकर अनावश्यक रूप से एफआईआर दर्ज की है और इसे विरोधियों के खिलाफ बदले की भावना से किया गया कदम बताया, साथ ही विपक्ष ने वन्यजीव अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच की मांग की।
क्या है मुर्गा प्रकरण?
यह पूरा मामला 13 दिसम्बर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुपवी इलाके के दौरे से जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान टिक्कर गांव में कांग्रेस कार्यकर्ता के घर पर डिनर किया था। इस डिनर का मैन्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें पहाड़ी मुर्गे का उल्लेख किया गया था। मुख्यमंत्री ने हालांकि खुद कहा था कि उन्होंने मीट खाने से मना कर दिया था, लेकिन सोशल मीडिया पर उनका वीडियो और मैन्यू काफी चर्चा में आ गए थे। कुछ दिन बाद इस मैन्यू को लेकर विवाद उठ गया, जब फर्जी मैन्यू के जरिए दुष्प्रचार किया गया, जिसमें मुर्गे को परोसा जाना बताया गया था।
फर्जी मैन्यू शेयर करने पर दर्ज करवाई गई शिकायत
इस मामले में कुपवी की कुलग पंचायत की प्रधान सुमन चौहान और नीटू परमार ने शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि इस दुष्प्रचार ने इलाके की पारंपरिक संस्कृति को नुक्सान पहुंचाया है। शिकायतकर्ता ने कहा कि 13 दिसम्बर को जब सीएम ने टिक्कर गांव में डिनर किया था, तब गांव की महिलाओं ने पारंपरिक भोजन तैयार किया था, लेकिन सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया पर एक फर्जी मैन्यू शेयर किया गया, जिससे इलाके की पारंपरिक परंपराओं को नुक्सान हुआ। शिकायतकर्ताओं ने कार्रवाई की मांग की थी, पुलिस ने शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता की धारा-353 और 356 के तहत केस दर्ज किया है।
क्या बोले विधायक सुधीर शर्मा
वहीं, विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि यह एफआईआर सरकार की डर के मारे की गई कार्रवाई है। उनका कहना था कि एफआईआर में मुर्गे के काटे जाने की जांच होनी चाहिए, क्योंकि मैन्यू में मुर्गे का उल्लेख था और यह मामला इसी संदर्भ में उठाया गया था।