Edited By Vijay, Updated: 28 Oct, 2022 08:19 PM

हिमाचल प्रदेश में रिवाज बदलने के नारे को बुलंद करने वाले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनके मंत्रिमंडल के 10 सहयोगियों की प्रतिष्ठा इस बार दांव पर है। साथ ही पिछली बार हारने वाले पूर्व मंत्री रविंद्र रवि, पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती और...
शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश में रिवाज बदलने के नारे को बुलंद करने वाले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनके मंत्रिमंडल के 10 सहयोगियों की प्रतिष्ठा इस बार दांव पर है। साथ ही पिछली बार हारने वाले पूर्व मंत्री रविंद्र रवि, पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती और मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा के लिए भी यह चुनाव किसी चुनौती से कम नहीं है।
4 वरिष्ठ नेताओं के विधानसभा क्षेत्र बदले
भाजपा ने इस बार जिन 4 वरिष्ठ नेताओं के विधानसभा क्षेत्रों को बदला है, उनसे पार्टी को करिश्मे की उम्मीद है। इनमें 4 में से 3 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पर भाजपा को पिछले चुनाव में हार मिली थी। इसमें कसुम्पटी से शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और फतेहपुर से वन मंत्री राकेश पठानिया मैदान में हैं। देहरा से इस बार पूर्व मंत्री व विधायक रमेश धवाला चुनौती दे रहे हैं, जहां से पिछली बार निर्दलीय होशियार सिंह चुनाव जीते थे। पिछली बार देहरा से चुनाव हारने वाले पूर्व मंत्री रविंद्र रवि इस बार ज्वालामुखी से चुनाव मैदान में हैं, जहां से मौजूदा समय रमेश धवाला विधायक हैं। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार के अलावा पूर्व मंत्री डाॅ. राजीव बिंदल और तीनों प्रदेश महामंत्रियों राकेश जम्वाल, त्रिलोक जम्वाल और त्रिलोक कपूर की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।
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