3 दशक से शिमला में ही तैनात 2 अधिकारियों को लाहौल-स्पीति व किन्नौर भेजने के आदेश

Edited By Vijay, Updated: 13 Apr, 2023 11:53 PM

highcourt shimla

मनपसंद स्थानों पर पोस्टिंग चाहने वाले बिजली बोर्ड के 2 सहायक अभियंताओं को हाईकोर्ट ने जनजातीय क्षेत्र में स्थानांतरित करने के आदेश दिए हैं। एक को लाहौल-स्पीति तो दूसरे को किन्नौर भेजने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर...

शिमला (मनोहर): मनपसंद स्थानों पर पोस्टिंग चाहने वाले बिजली बोर्ड के 2 सहायक अभियंताओं को हाईकोर्ट ने जनजातीय क्षेत्र में स्थानांतरित करने के आदेश दिए हैं। एक को लाहौल-स्पीति तो दूसरे को किन्नौर भेजने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने 1 मई तक अपने आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट भी मांगी है। मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात कोर्ट ने पाया कि दोनों अधिकारियों को 3 दशकों से अधिक समय तक शिमला में ही तैनाती दी है। याचिकाकर्ता राजेश ने महज 4 किलोमीटर दूर हुए तबादला आदेशों को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। आरोप लगाया गया था कि उसका तबादला राजनीतिक सिफारिश के चलते मल्याणा से खंड नंबर-2 कसुम्पटी के लिए किया गया है।

अधिकारियों का आचरण कार्यालय के अनुरूप नहीं : हाईकोर्ट
अदालत ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि दोनों ही अधिकारियों ने न केवल विभाग के कार्य और नैतिकता बारे में अनभिज्ञता प्रकट की है, बल्कि उनका आचरण भी कार्यालय के अनुरूप नहीं है। अदालत ने कहा कि दोनों ही अधिकारियों ने उन समानांतर अधिकारियों से अन्याय किया है, जो शिमला में अपनी सेवाएं देना चाहते हैं लेकिन इन प्रभावशाली अभियंताओं की ओर से बनाए गए जाल के कारण अपनी तैनाती पाने में विफल रहे हैं।

असिस्टैंट प्रोफैसर के तबादला आदेशों में दखल देने से हाईकोर्ट का इंकार 
आरोप लगाया गया था कि प्रतिवादी देवेंद्र सिंह को एडजस्ट करने के लिए मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने सिफारिश की है। अदालत ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड को तलब किया और पाया कि दोनों ही अधिकारी पिछले 3 दशकों से अधिक समय से शिमला में ही तैनात हैं। बिजली बोर्ड ने जवाब के माध्यम से अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता राजेश ने वर्ष 1990 से 2004 तक शिमला में खंड नंबर-1 में सेवाएं दीं। उसके बाद उसका तबादला खंड नंबर-2 के लिए किया गया, जहां उसने वर्ष 2021 तक सेवाएं दीं। बता दें कि बिजली बोर्ड के खंड नंबर-1 और 2 कसुम्पटी में ही स्थित हैं। वहीं प्रतिवादी भी वर्ष 1989 से 2009 तक खंड नंबर एक में सेवाएं देता रहा और वर्ष 2009 से अब तक वह खंड नंबर-2 में तैनात रहा। प्रार्थी ने आरोप लगाया था कि 18 मार्च, 2023 को उसका तबादला मल्याणा से खंड नंबर-2 कसुम्पटी के लिए किया गया और प्रतिवादी को उसकी जगह मल्याणा में तैनाती दी गई। 

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