Edited By Vijay, Updated: 10 Mar, 2023 09:02 PM
मनाली, मणिकर्ण और बिलासपुर में पंजाब से आए पर्यटकों द्वारा किए गए हंगामे पर प्रदेश उच्च न्यायालय ने कड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट ने उक्त मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, कुल्लू व बिलासपुर के जिलाधीश तथा कुल्लू और...
शिमला (मनोहर): मनाली, मणिकर्ण और बिलासपुर में पंजाब से आए पर्यटकों द्वारा किए गए हंगामे पर प्रदेश उच्च न्यायालय ने कड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट ने उक्त मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, कुल्लू व बिलासपुर के जिलाधीश तथा कुल्लू और बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने 6 व 7 मार्च 2023 को कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर पर स्वत: संज्ञान लेने वाली याचिका पर यह आदेश पारित किया।
6 मार्च को प्रकाशित खबर के अनुसार बताया गया है कि पंजाब के पर्यटकों ने रविवार दोपहर मनाली के ग्रीन टैक्स बैरियर पर हंगामा किया। ग्रीन टैक्स न देने पर सैलानी बैरियर कर्मियों से उलझ गए और देखते ही देखते करीब 100 मोटरसाइकिल सवार सड़क पर जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे और माहौल को तनावपूर्ण बना दिया। इसके चलते दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। यह भी बताया गया है कि एक मोटरसाइकिल पर खालिस्तान का झंडा भी फहराया गया था और पुलिस को कार्रवाई करते देख बाइक सवार ने झंडा गिरा दिया। एसडीएम मनाली ने मौके पर पहुंचकर पुलिस कर्मियों की मदद से स्थिति पर काबू पाया।
7 मार्च को अखबार में छपी खबर में बताया गया है कि पंजाब के पर्यटकों ने मणिकर्ण में भी उत्पात मचाया। 6 मार्च की रात को मणिकर्ण में एक समय दंगे जैसी स्थिति देखी गई क्योंकि पंजाब के 100 से अधिक पर्यटकों ने अपने हाथों में झंडे लेकर शहर में हंगामा किया। कुछ पर्यटकों ने शराब भी पी रखी थी। बीयर की बोतलें श्रीनयनादेवी माता मंदिर की ओर सड़क पर फैंकी हुई थीं। स्थानीय निवासियों के हस्तक्षेप के बाद उपद्रवियों ने मंदिरों, घरों और 20 वाहनों में लोहे की छड़ों और लाठियों से तोड़फोड़ की। पर्यटकों ने रास्ते में जो भी देखा, उसकी पिटाई कर दी और दहशत का माहौल बना दिया। स्थानीय लोगों के विरोध करने पर उन्होंने बीयर की बोतल से एक युवक के सिर पर वार किया और रॉड से भी मारपीट की। वे जबरन एक भोजनालय में घुस गए और वहां मौजूद लोगों से बदसलूकी की। इस घटना में 5 लोगों के घायल होने से स्थानीय निवासियों में भय और आक्रोश का माहौल पैदा हो गया। स्थानीय निवासियों ने इन पर्यटकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और उनकी पहचान कर उन्हें पकड़ने की मांग की है। यह भी बताया गया कि पुलिस द्वारा पर्यटकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
7 मार्च को प्रकाशित अन्य समाचार में बताया गया है कि मणिकर्ण में घटना के बाद पंजाब के श्रद्धालु सैंकड़ों की संख्या में सोमवार दोपहर को एकत्र हुए और बिलासपुर जिले के गरामोड़ा में हंगामा किया। मणिकर्ण जाने और वापस आने वाले बाइक सवार चंडीगढ़-मनाली एनएच पर हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार बिलासपुर के गरामोड़ा में जमा हो गए और करीब डेढ़ घंटे तक हाईवे बंद रखा। इससे हाईवे के दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गईं। श्रद्धालुओं ने हिमाचल प्रदेश सरकार से मांग की है कि मणिकर्ण की धार्मिक यात्रा के दौरान हिमाचल प्रदेश पुलिस उन्हें अनावश्यक रूप से न रोके। अदालत ने घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है और इसे 13 मार्च को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।
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